इंदौर। प्रशासन ने इंदौर शहर में अब तक कोरोना से केवल 505 मौतों का आंकड़ा जनता को परोसा है, जबकि यदि मुक्तिधामों से मिले दिल दहलाने वाले आंकड़ों पर भरोसा किया जाए तो शहर में केवल 20 दिनों में ही 312 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया। शहर के 9 मुक्तिधामों से मिली जानकारी के अनुसार सर्वाधिक कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया गया, जबकि दूसरे नंबर पर मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम रहा और तीसरे नंबर पर रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों का संस्कार हुआ। यानी इन इलाकों के सर्वाधिक लोगों ने कोरोना के चलते दम तोड़ा।
विभिन्न मुक्तिधामों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन इमली, तिलक नगर और बाणगंगा मुक्तिधाम पर सबसे कम कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ, वहीं सर्वाधिक कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार रामबाग में हुआ। इन मुक्तिधामों पर कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार की जानकारी रजिस्टर में अलग से लिखी जाती है। साथ ही इन मरीजों का अंतिम संस्कार भी बेहद सावधानीपूर्वक तरीके से किया जाता है, जिसमें प्रशासन के कर्मचारी भी कोरोना किट पहनकर मौजूद रहते हैं।
प्रशासन डरता है कि शहर में कोरोना की सही स्थिति की जानकारी मिलने पर जहां दहशत फैलेगी, वहीं शहर का नाम पूरे देश और प्रदेश में बदनाम हो जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि यदि लोग स्थिति को नहीं समझेंगे और लापरवाही करते रहेंगे तो इस तरह जान गंवाने वालों की तादाद बढ़ती जाएगी। प्रशासन द्वारा हर दिन 4 से 5 मौतों का आंकड़ा बताते हुए पूरे कोरोना काल में अब तक केवल 505 मौतों का आंकड़ा परोसा गया है, लेकिन हकीकत यह है कि केवल 20 दिनों में ही 312 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया। संभव है कि इनमें कुछ लोग इंदौर के समीपस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के भी शामिल हों, लेकिन फिर भी एक बड़ी तादाद इंदौर शहर के लोगों की शामिल होने की आशंका है।
कोरोना मरीजों का सर्वाधिक अंतिम संस्कार मेघदूत स्थित सयाजी मुक्तिधाम पर किया गया। इस इलाके में विजय नगर और स्कीम नंबर 54 जैसे संपन्न इलाके भी शामिल हैं। वहीं रामबाग मुक्तिधाम पर 110 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि पंचकुइया पर 36 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ। इस लिहाज से यह आशंका भी कमजोर होती है कि मौत के इन आंकड़ों में बड़ी संख्या में बाहरी लोग शामिल हैं, क्योंकि यह तीनों मुक्तिधाम शहरी क्षेत्रों में हैं। केवल रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम में जहां 55 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया वहां खंडवा, खरगोन, बड़वानी जैसे इलाकों के मरीज शामिल हो सकते हैं, लेकिन अन्य मुक्तिधामों पर बाहरी लोगों के अंतिम संस्कार की संभावना कम है। वहीं तीन इमली मुक्तिधाम पर केवल 1 कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार हुआ, जो खंडवा-खरगोन और बड़वानी जैसे इलाकों का सरहदी मुक्तिधाम है। मुक्तिधामों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन द्वारा पृथक व्यवस्था की जाती है। शुरुआती दौर में तो प्रशासन द्वारा सीधे ही कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था थी, लेकिन अब प्रशासन के कर्मचारियों के साथ ही परिजनों को भी दूर से अंतिम संस्कार देखने की इजाजत है। इन मरीजों के अंतिम संस्कार के बाद मुक्तिधाम के रजिस्टर में बाकायदा इनके नाम के आगे कोरोना मरीज का उल्लेख किया जाता है, ताकि सुरक्षा की दृष्टि से किए गए अंतिम संस्कार की पृथक जानकारी उपलब्ध हो सके।
पहले भी प्रशासन ने बैकलॉग इकट्ठा किया था मौतों का
प्रशासन द्वारा कोरोना से हर दिन 4-5 मौतों का ब्योरा देते हुए अब तक 505 मौतें स्वीकार की गई हैं, जबकि मौतों का आंकड़ा बेहद ज्यादा होने की गवाही इंदौर के मुक्तिधाम दे रहे हैं। इसके पहले भी प्रशासन ने अप्रैल-मई में हुई मौतों की जानकारी छिपाते हुए उनकी जानकारी जून में दी थी। इसी तरह सितम्बर में हुई मौतों का बैकलॉग एक बार फिर इकट्ठा किए जाने की आशंका है। दरअसल प्रशासन द्वारा अब मरीजों से लेकर मृत्यु तक की जानकारी केवल आंकड़ों के माध्यम से जनता तक पहुंचाई जा रही है, जबकि शुरुआती दौर में बाकायदा मरीजों से लेकर मरने वाले लोगों तक के नाम उजागर किए जाते थे। लेकिन शहर में पैनिक स्थिति न बने इसके लिए प्रशासन ने नामों का ब्योरा देने से रोक दिया था और यही प्रशासन के लिए आंकड़े छिपाने का कारण बना, लेकिन प्रशासन को भी अंतत: कोरोना मरीजों के आंकड़े कभी न कभी तो उजागर करना पड़ेंगे। ऐसी स्थिति में जब सामान्य परिस्थितियां होंगी, तब यह उजागर होने वाली मौतें शहर को दहशत की स्थिति में लाएंगी।
कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार
पंचकुइया मुक्तिधाम 36
मालवा मिल मुक्तिधाम 11
जूनी इंदौर मुक्तिधाम 21
तिलक नगर मुक्तिधाम 07
तीन इमली मुक्तिधाम 01
रीजनल पार्क मुक्तिधाम 55
रामबाग मुक्तिधाम 110
बाणगंगा मुक्तिधाम 03
मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम 68
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