इंदौर। आने वाले तीन-चार सालों में सुपर कॉरिडोर की रंगत बदल जाएगी और गगनचुंबी इमारतें तनना शुरू होंगी। अभी तक नगर तथा ग्राम निवेश ने सुपर कॉरिडोर पर 31 बहुमंजिला इमारतें के अभिन्यास मंजूर किए हैं और प्राधिकरण भी सुपर कॉरिडोर की अपनी योजनाओं में बचे हुए विकास कार्यों को तेजी से पूरा कर रहा है, जिस पर 126 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। इसके साथ ही शासन ने कल कन्वेंशन सेंटर और 20 मंजिला ऊंचे स्टार्टअप पार्क प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है, जिसके चलते अब प्राधिकरण इन दोनों प्रोजेक्टों को पीपीपी मॉडल पर निर्मित करवाने के लिए टेंडर प्रक्रियाजल्द ही शुरू करने जा रहा है। अभी प्राधिकरण ने ड्रोन के जरिए भी सुपर कॉरिडोर की तस्वीरें निकलवाई और पिछले दिनों कलेक्टर ने भी खाली पड़े भूखंडों पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश भूखंड मालिकों को दिए थे।
प्रशासन की मंशा है कि सुपर कॉरिडोर पर वैसे तो तमाम टाउनशिप भी विकसित की गई है और बड़े-बड़े भूखंड भी प्राधिकरण ने जमीन मालिकों को अनुबंध के तहत सौंपे हैं, जो कि 20 हजार से लेकर 1 लाख और उससे भी अधिक स्क्वेयर फीट के हैं। प्राधिकरण ने ही अपनी योजना 151 में 475 भूखंड और योजना 166 में 264 भूखंड सुपर कॉरिडोर पर विकसित किए हैं। अभी चूंकि इंदौर मेट्रो का प्रोजेक्ट भी तेजी से अमल में लाया जा रहा है और इसके साढ़े 5 किलोमीटर के जिस प्रायोरिटी कॉरिडोर पर पहले मेट्रो का संचालन शुरू किया जाना है वह भी सुपर कॉरिडोर पर ही है। लिहाजा मेट्रो प्रोजेक्ट को भी इसका लाभ मिले और तेजी से सुपर कॉरिडोर पर बहुमंजिला बिल्डिंगों के साथ अन्य निर्माण कार्य शुरू हो सकें, इसके चलते पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह ने एक बैठक भी बुलाई, जिसमें निगम, प्राधिकरण के अधिकारी भी शामिल रहे और उन भूखंड मालिकों को भी बुलाया गया जिनके पास सुपर कॉरिडोर पर बड़े आकार के भूखंड हैं।
उनकी समस्याएं भी जानी गई। भूखंड मालिकों ने अधूरे विकास कार्यों की भी शिकायतें की, जिसमें बिजली, पानी, ड्रैनेज के साथ-साथ कनेक्टीविटी और अलग-अलग एफएआर की बात कही गई, जिस पर प्राधिकरण ने बचे हुए विकास कार्यों को शीघ्र ही पूरा करने का आश्वासन भी दिया और इस पर लगभग 126 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। प्राधिकरण ने अपनी योजना 139, 151, 166, 169ए और बी को सुपर कॉरिडोर पर विकसित किया है। इसमें लगभग 62 किलोमीटर लम्बाई की सडक़ों में से 55 किलोमीटर की तो निर्मित कर दी गई हैं, वहीं कुछ चौराहों के विकास के साथ नर्मदा की लाइन भी डाली जा रही है। वहीं संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह ने बताया कि कल ही भोपाल से कन्वेंशन सेंटर और स्टार्टअप पार्क प्रोजेक्ट को भी मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही वन विभाग का मसला भी सुलझ गया है और अब प्राधिकरण अपनी योजना 172 में 11 हेक्टेयर जमीन पर पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण करेगा। इसी के साथ नगरीय विकास और आवास मंत्रालय भोपाल ने योजना 151 और 169बी में निर्मित किए जाने वाले 20 मंजिला स्टार्टअप पार्क को भी अनुमति दे दी है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार का कहना है कि ये दोनों प्रोजेक्ट इंदौर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और जल्द ही इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रोजेक्ट से जुड़ी तकनीकी, ड्राइंग-डिजाइन से लेकर अन्य कार्य कंसल्टेंट फर्म मेहता एंड एसोसिएट पहले ही पूर्ण कर चुकी है।
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