इंदौर। प्राधिकरण ने टीपीएस के तहत नई योजनाएं घोषित की है, जिनमें से 5 योजनाओं में दावे-आपत्तियों की सुनवाई करने के बाद शासन को मंजूरी के लिए संकल्प पारित कर भेज दिया है। नतीजतन धारा 51 के तहत कुछ जमीन मालिकों ने अपीलीय अधिकारी संभागायुक्त भोपाल के समक्ष याचिकाएं दायर की हैं, जिसके चलते 31 जमीन मालिकों को फिलहाल स्टे दिया गया है। प्राधिकरण का पक्ष जानने के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की गई है, जिसमें प्राधिकरण द्वारा अपीलीय अधिकारी के समक्ष इन जमीनों के संबंध में तथ्य प्रस्तुत किए जाएंगे। ये जमीन मालिक टीपीएस-1, टीपीएस-3, 5 और 8 के हैं।
शासन की नई लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत अब प्राधिकरण टीपीएस में योजनाएं घोषित कर रहा है। पिछले दिनों 5 योजनाओं को शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा गया, जिसमें टीपीएस-1 खजराना, टीपीएस-3 लसूडिय़ामोरी, तलावलीचांदा, अरण्ड्या और मायाखेड़ी की जमीनों पर घोषित की गई है, तो टीपीएस-4 निपानिया और कनाडिय़ा तथा टीपीएस-5 भी कनाडिय़ा और टीपीएस-8 भौंरासला, कुमेड़ी, भांग्या, कैलोदहाला, लसूडिय़ामोरी, तलावलीचांदा, शकरखेड़ी और अरण्ड्या में घोषित की गई है। इन पांचों योजनाओं में 1732 एकड़ निजी जमीनें शामिल हैं। 600 से अधिक आपत्तियों की पिछले दिनों प्राधिकरण ने सुनवाई की और फिर बोर्ड संकल्प पारित कर शासन को अंतिम मंजूरी के लिए ये योजनाएं भेजी हैं। जमीन मालिकों को धारा 51 के तहत प्राधिकरण निर्णय के खिलाफ अपील करने का अधिकार है। चूंकि संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के निर्देशों के तहत ये योजनाएं घोषित की गई, लिहाजा उनसे वरिष्ठ अधिकारी को सुनवाई का जिम्मा सौंपा गया है।
इंदौर विकास प्राधिकरण की टीपीएस में घोषित जमीनों के अपीलीय अधिकारी भोपाल संभागायुक्त हैं, लिहाजा उनके समक्ष जमीन मालिकों ने याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें अभिन्यास मंजूर होने से लेकर अन्य तर्क दिए गए हैं। नतीजतन 31 जमीन मालिकों को अपीलीय न्यायालय से स्टे हासिल हुआ है, जिसमें टीपीएस-1 में 11 जमीन मालिक शामिल हैं, तो टीपीएस-3 में 3, टीपीएस-5 में 11, तो टीपीएस-8 के 6 जमीन मालिक शामिल हैं। अब इन 31 पुनरीक्षण याचिकाओं पर प्राधिकरण से जवाब मांगा गया है और 6 जुलाई की तारीख तय की गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में शासन ने टीपीएस के तहत इन योजनाओं को मंजूरी दी थी और 1732 एकड़ की इन 5 योजनाओं के प्रारूप का प्रकाशन कर प्राधिकरण ने दावे-आपत्तियां आमंत्रित की, जो कि 6 दिसम्बर तक ली गई और फिर इसके निराकरण के लिए चार अधिकारियों की कमेटी बनाई गई, जिसमें अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर, निगम के तत्कालीन मुख्य नगर निवेशक विष्णु खरे, जिला पंचायत की अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी मधुलिका शुक्ला और नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक केएस गवली शामिल रहे। अधिनियम की धारा 50 (9) के तहत इस समिति का गठन किया गया और फिर सुनवाई की प्रक्रिया के बाद प्राधिकरण बोर्ड ने संकल्प पारित कर इन योजनाओं को अंतिम मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया। लैंड पुलिंग एक्ट के तहत इन योजनाओं में जमीन मालिकों को जमीन वापस लौटाई जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved