भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona infection) की दूसरी लहर में जेलों में भी संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ गया है। प्रदेश की जेलों (Jails) में अभी तक 300 बंदी सक्रमित हुए हैं। जेल प्रशासन कोरोना (Corona) की रोकथाम के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण संकट से बचने के उपाय आसान नहीं हैं। जेल प्रशासन ने संख्या कम करने के लिए बंदियों को पैरोल (Parole) पर छोड़ा है। हालांकि जितने बंदियों को पैरोल मिली, उससे अधिक संख्या में नए बंदी जेल पहुंचे हैं। प्रदेश की 131 जेलों में करीब 50 हजार बंदी हैं, जबकि इनमें बंदियों को रखने की क्षमता 28 हजार की ही है। बंदियों की संख्या कम करने के लिए 4500 बंदियों को पैरोल (Parole) पर छोड़ा गया, लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की दूसरी लहर के दौरान करीब आठ हजार नए बंदी जेल पहुंचे हैं। इससे बंदियों की संख्या कम नहीं हुई और शारीरिक दूरी रखने जैसे उपाय करने में दिक्कत आ रही है। इस बीच जेलों में संक्रमण (Infection) पहुंच चुका है। दूसरी लहर के दौरान विभिन्न् जेलों में 300 बंदी सक्रमित हुए हैं। ऐसे हालात में जेल प्रशासन भी परेशान है। हालांकि आधिकारिक तौर पर यही कहा जा रहा है कि हालात बेकाबू नहीं हुए हैं।
जेलों में बचाव के यह उपाय
जेलों में संक्रमण न फैले, इससे बचने के लिए नए बंदियों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की गई है। उन्हें 15 दिन आइसोलेट किया जा रहा है। बंदियों को अलग रखने के लिए बैरकों में इंतजाम किए गए हैं। इंदौर और उज्जैन में अस्थायी जेल बनाकर भी आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है। बंदियों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है। लक्षण दिखते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस उपमहानिरीक्षक (जेल) संजय पांडे ने बताया कि जेलों में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। सुरक्षा के सभी उपाय किए जा रहे हैं।
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