इंदौर। पश्चिम मप्र में सौर ऊर्जा, यानी ग्रीन एनर्जी (green energy) की ओर लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। बिजली कंपनी क्षेत्र के 15 जिलों में अब इस तरह की बिजली का अपने परिसरों, छतों से उत्पादन करने वालों की संख्या बढक़र 5650 हो चुकी है।
इंदौर शहर में पिछले 3 महीनों के दौरान 300 छतों पर सौर ऊर्जा पैनल (solar power panels) लगाए गए हैं, जो प्रदेश में सर्वाधिक हैं। इनसे बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है। इंदौरी सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन में भी अव्वल हो रहे हैं। यहां पर नेट मीटर लगाकर उपभोक्ता अपनी छतों या परिसर के अन्य स्थानों पर सोलर पैनल से बिजली उत्पादन कर रहे हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में इनकी संख्या बढक़र 5650 हो गई है। औद्योगिक परिसर, बड़े कॉलेज, बड़े बंगले वाले उपभोक्ता छतों के साथ ही खाली जमीन पर भी बिजली उत्पादन कर नेट मीटर के माध्यम से लाइनों में प्रवाहित कर रहे हैं। एमडी अमितकुमार तोमर ने बताया कि इंदौर जिले में अब सोलर पैनल से बिजली उत्पादन करने वालों की संख्या पहले से तीन सौ बढक़र 36500 हो चुकी है। इंदौर के बाद उज्जैन जिले में सर्वाधिक संख्या 710 है। कंपनी क्षेत्र के धार जिले में 250, रतलाम जिले में 230, खरगोन जिले में 175, नीमच जिले में 130, देवास जिले में 100 स्थानों, छतों और परिसरों से सूरज की किरणों से बिजली बन रही है। वर्षाकाल के माहों में और बादल होने पर भी बिजली उत्पादन होता है, लेकिन यह उत्पादन तुलनात्मक रूप से कम हो जाता है।
इंदौर का सत्यसांई क्षेत्र सबसे आगे
इंदौर शहर का सत्यसांई बिजली जोन क्षेत्र नेट मीटर सोलर एनर्जी के मामले में पश्चिम मप्र में सबसे सघन क्षेत्र है। इस जोन में तीन सौ स्थानों पर सूरज की किरणों से ग्रीन एनर्जी तैयार हो रही है। शहर के तीसों जोन क्षेत्र में इस तरह की बिजली तैयार हो रही है।
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