भोपाल। ग्वालियर में पूर्व DGP की रिश्तेदार को गोली मारकर फरार हुआ मुख्य आरोपी और उसके दोस्त घटना के चौबीस घंटे बाद भी पुलिस (Police) की गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने वारदात को अंजाम देने वालों पर तीस हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया है। मृतक छात्रा की सहेली का बयान सामने आने के बाद पुलिस पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस सहेली की शिकायत पर कार्रवाई करती तो छा़त्रा की हत्या न होती। फिलहाल उन पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है, जिन्होने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था।
सहेली का दावा, गोली मुझे मारने आया था
सोमवार शाम अक्षया सिंह यादव अपनी सहेली सोनाक्षी के साथ पड़ाव स्थित कोचिंग से सिकंदर कंपू घर आ रही थी। बेटी बचाओ चौराहे के पास बाइक पर तीन युवक पीछे से आए और स्कूटी के बगल में आकर एक के बाद एक दो गोलियां चलाईं। गोली अक्षया को लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अक्षया पूर्व डीजीपी की रिश्तेदार थी, इसलिए पुलिस भी हरकत में आ गई। पर पुलिस जब तक नाकाबंदी करती गोली मारने वाला फरार हो गया। वहीं, सहेली की मौत से घबराई सोनाक्षी ने बताया कि सुमित रावत ने गोली मारी थी। वह काफी समय से मेरे पीछे पड़ा था। दोस्ती करना चाहता था। पर मैं उससे बात नहीं करती थी। वह हमेशा तंग करता था। शाम को जब अक्षया के साथ लौट रही थी तो सुमित अपने दो दोस्तों के साथ पीछे आया। स्कूटी के बिल्कुल बगल में आकर एक के बाद एक दो गोलियां चलाईं। वो मुझे मारना चाहता था, लेकिन चलती गाड़ी से गोली चलाने पर उसका हाथ हिल गया तो गोली अक्षया को लग गई।
पुलिस की लापरवाही से गई अक्षया की जान
सोनाक्षी के परिजनों का कहना है कि अक्षया की हत्या पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है। हत्या करने वाला सुमित रावत पिछले एक साल से बेटी सोनाक्षी को तंग कर रहा था। वह सोनाक्षी को ही मारने आया था, लेकिन गलती से गोली अक्षया को लग गई। नवंबर में सुमित ने अपने भाई उपदेश और दोस्त ऋषभ के साथ मिलकर पीटा भी था। माधौगंज थाने में तीनों के खिलाफ मामला भी दर्ज है। छह दिन पहले भी सुमित ने कोचिंग में घेरा था। तब माधौगंज थाने में शिकायत करने गए तो एसआई प्रमोद शर्मा ने हमारी बात ही नहीं सुनी। पुलिस सुन लेती और गंभीरता से लेती तो आज अक्षया जिंदा होती।
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