इंदौर (Indore)। तेजी से अपने लुक और मुस्कान को लेकर युवा जागरूक हो रहे हैं। अच्छे चेहरे के साथ-साथ उस पर अच्छी मुस्कान भी युवाओं को आकर्षित कर रही है। 30 प्रतिशत इंदौरी डाक्टरों की मदद से अपनी मुस्कान सुधरवा रहे हैं। 20 वर्ष की उम्र के बाद इम्प्लांट लगाए जा सकते हैं। मेट्रो सिटी में सभी उन्नत तकनीक और ट्रेंड डाक्टरों के माध्यम से कास्मेटिक सर्जरी की जा रही है। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित डाक्टरों की कान्फ्रेंस में देश-विदेश से जुड़े 800 से अधिक डाक्टर भाग ले रहे हैं। 100 पेपर प्रजेन्टेशन के माध्यम से जहां पोस्ट ग्रेज्युएट स्टूडेन्ट अपना हुनर बता रहे हैं, वहीं इंदौर में तेजी से हो रहे बदलाव को लेकर भी चर्चा की जा रही है।
डाक्टर मनीष वर्मा के अनुसार इंदौर के युवा भी अब टेढ़े-मेढे दांत और अपनी मुस्कान को लेकर सजग हो गए हैं। डाक्टर सुधीन्द्र एस. कुलकर्णी ने बताया कि इम्पलांट युवाओं की पहली च्वाइस होता है। ब्रिज लगाने की जगह इम्प्लांट पर जोर दिया जा रहा है। आजकल स्माइल करेक्शन पर लोग ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। दातों की पोजिशन ठीक न हो तो स्माइल सुंदर नहंीं लगती है। इसलिए ब्रेसेस के जरिए दांतों की पोजिशन ठीक करके स्माइल को अट्रेक्टिव बनाया जा रहा है। डा. जतिन कालरा ने बताया कि 1960 से इम्प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब से अब तक जमीन आसमान का फर्क आ गया है। अब मरीज के फेस को स्कैन करके परफेक्ट नाप लेकर इम्प्लांट किया जा रहा है, जिससे इम्प्लाट का सक्सेस रेट कई गुना बढ़ गया है। उच्च तकनीक का इस्तेमाल जहां इलाज के खर्च को कम कर देता है, वहीं मरीज को दर्द से बचाने में भी कारगर साबित होता है।
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