नई दिल्ली. पिछले 10 महीने से गाजा (Gaza) में हमास और इजरायल (Hamas and Israel) के बीच जंग जारी है. हर रोज इजरायली सेना (Israeli Army) गाजा के किसी न किसी इलाके में भीषण हमले कर रही है. इसमें बेकसूर फिलिस्तीनी (Palestinians) मारे जा रहे हैं. ताजा हवाई हमला सेंट्रल गाजा (Airstrike central Gaza) के दीर अल बलाह में स्थित एक स्कूल पर हुआ है. इसमें कम से कम 30 फिलिस्तीनी मारे गए है, जबकि 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
इस हमले के बाद इजरायली सेना ने कहा कि उसने हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि आईडीएफ ने दीर अल बलाह में स्कूल पर जबरदस्त हवाई हमला किया है, जिसमें 30 लोग मारे गए, जिसमें बच्चों की संख्या ज्यादा है. यह हमला वहां हुआ है, जो विस्थापित परिवारों की सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है.
गाजा से बरामद किए गए पांच इजरायली नागरिकों के शव
During an IDF operation led by ISA field analysts and coordinators, the bodies of the murdered hostage Maya Goren, and of the fallen soldiers held captive MSG (Res.) Oren Goldin, SSGT Tomer Ahimas, SGT Kiril Brodski and SGM (Res.) Ravid Aryeh Katz were rescued from the Khan Yunis… pic.twitter.com/UEQ2B4WCPa
— Israel Defense Forces (@IDF) July 25, 2024
इजरायली सेना का कहना है कि बंधकों के शवों को खान यूनिस में एक ऑपरेशन के दौरान बरामद किया गया. आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा, ”खान यूनिस में खुफिया जानकारी के आधार पर सेना ने ऑपरेशन चलाया, जिसमें 5 इजरायली बंधकों के शव मिले हैं. इनको 7 अक्टूबर को अगवा किया गया था, तब से वे गाजा में बंदी थे. सभी शवों को इजरायल भेज दिया गया है.”
हमास के कब्जे में अभी भी हैं 111 इजरायली नागरिक
इसके साथ ही इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि टीचर गोरेन की हत्या कैद के दौरान की गई होगी. वहीं सेना के मेजर की मौत 7 अक्टूबर को हमले के दौरान हुई होगी और बाद में उनके शव को हमास ने रख लिया होगा. इजरायली सेना ने बंधकों को लेकर नई जानकारी भी दी है. इसके साथ ही बताया है कि बंधक बनाए गए 251 लोगों में से 111 लोग अभी भी हमास के कब्ज़े में है.
उधर, अमेरिका की अपनी यात्रा के पांचवें दिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने उनके फ्लोरिडा के आवास पर पहुंचे. वहां रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने नेतन्याहू का गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई. इसमें गाजा में हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई सहित कई मुद्दों पर बातचीत हुई.
चार साल बाद मिले डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू
लगभग चार सालों में दोनों नेताओं की ये पहली बैठक थी. नेतन्याहू ने चार साल पहले उस समय ट्रंप को नाराज कर दिया था, जब उन्होंने 2020 के चुनाव में जीत के लिए बाइडेन को बधाई दी थी. शुक्रवार की बैठक को दोनों नेताओं की ओर से संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस बैठक पर अपनी खुशी जताई है.
डोनाल्ड ट्रंप से मिलने से पहले इजरायली प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात में गाजा में युद्धविराम के लिए अमेरिका की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इजरायली प्रधानमंत्री उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मिले. हालांकि हैरिस से नेतन्याहू की मुलाकात कड़वाहट भरी रही. उन्होंने गाजा में तबाही के लिए नेतन्याहू को आड़े हाथों लिया.
अमेरिका में इजरायली प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ये अमेरिका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब गाजा में नौ महीने से चल रहे युद्ध में 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. ऐसे में नेतन्याहू को अमेरिका में भारी विरोध प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ रहा है. उनके खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी गाजा में कथित नरसंहार के लिए नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
व्हाइट हाउस के समाने विरोध प्रदर्शन से पहले बुधवार को कैपिटल हिल के सामने प्रदर्शनकारियों ने मार्च कर नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग की थी. सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से इजरायल को दिए जा रहे हथियारों पर प्रतिबंध और निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या के लिए इजरायल पर कड़े प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. उनका कहना था इजरायली सैन्य कार्रवाई में 39 हजार लोग मारे गए हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved