चण्डीगढ़: पंजाब (punjab) की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार को बने एक महीने का वक्त बीत चुका है. इस एक महीने में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने सरकार बनते ही युवाओं को रोजगार से लेकर स्कूल फीस के संबंध में कई अहम घोषणाएं की. लेकिन एक और जहां मान सरकार जनता के लिए घोषणाओं की पेशकश कर रही थी वहीं दूसरी और दिल्ली में राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पंजाब के अधिकारियों के चलते विवादों में भी आई. आइए मान सरकार के इस एक महीने के कार्यकाल के बारे में बताते हैं.
एक महीने में हुईं ये 10 बड़ी घोषणाएं
इस वजह से विवादों में रही सरकार
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के नौकरशाहों के साथ बैठक की थी. इसे लेकर विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल उठाए थे. पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार चंडीगढ़ से नहीं दिल्ली से चल रही है. अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव, बिजली सचिव (दिल्ली में) को फोन किया था. यह असंवैधानिक है और पंजाब पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण है.
बैठक में मौजूद नहीं थे सीएम मान
इसके अलावा केजरीवाल ने पंजाब बिजली विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ पीएसपीसीएल प्रमुख के मुख्य सचिव से मुलाकात की थी. इस बैठक में खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद नहीं थे. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में पंजाब में 300 यूनिट फ्री बिजली योजना को लेकर चर्चा की गई. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाए कि प्रोटोकॉल इस बात की अनुमति नहीं देता कि पंजाब के अधिकारी पंजाब से जुड़े मुद्दों पर चर्चा दिल्ली के सीएम के साथ करें. इसके अलावा हिंसा के बीच ट्रक यूनियनों पर नियंत्रण करने के चलते भी पार्टी काफी विवादों में रही. राज्य के कई हिस्सों से जबरन नियंत्रण और हिंसा की खबरें सामने आई थी.
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