बैतूल। अषाढ़ माह के अंतिम सप्ताह से सावन महिने (Sawan Month) के पहले पखवाड़े में जिले में रूक-रूककर बारिश का दौर जारी रहा। लगातार बारिश से नदी-नालों में तो उफान आ गया। परंतु मूसलाधार बारिश (torrential rain) नहीं होने से जल संसाधन विभाग के 149 जलाशयों को अभी छलकने का इंतजार है, हालांकि 30 जलाशयों में शत-प्रतिशत जलभराव हो चुका है। जिले में अभी तक औसतन 25.20 इंच बारिश हो चुकी है। बैतूल जिले में सीजन की 58.13 फीसदी बारिश होने के बावजूद जलाशयों में जलभराव की स्थिती संतोषजनक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बैतूल एवं मुलताई जल संसाधन संभाग अंतर्गत 181 जलाशयों में संग्रहित पानी रबी सीजन में सिंचाई का मुख्य स्त्रोत है। कुछ बड़े जलाशयों में पेयजल के लिए पानी रिजर्व भी रखा जाता है।
70 जलाशयों में 25 फीसदी जलभराव जल संसाधन संभाग बैतूल एवं मुलताई के अंतर्गत जिले में छोटे बड़े 181 जलाशय है। वर्तमान में 70 जलाशयों में 0 से 25 फीसदी ही जलभराव हो पाया है। जबकि 40 जलाशयों में 25 से 50 फीसदी, 33 जलाशयों में 50 से 75 प्रतिशत और 8 डेमों में 75 से 90 प्रतिशत जलभराव हुआ है। हालांकि बैतूल संभाग के 18 एवं मुलताई संभाग के दर्जन भर जलाशय लबालब हो गये है। बड़े जलाशय भी रीते 25 इंच से अधिक बारिश होने के बावजूद जिले में स्थित मध्यम सिंचाई परियोजना के जलाशयों में पर्याप्त जलभराव नहीं हुआ है। बैतूल संभाग अंर्तगत सांपना जलाशय में अभी सिर्फ 47 फीसदी ही पानी भरा है। जबकि मुलताई संभाग में मध्यम सिंचाई परियोजना के बुंडाला में 64 प्रतिशत, चंदोरा में 40 प्रतिशत, सोनखेड़ी में 52 प्रतिशत, पारसडोह में 50 फीसदी एवं निर्माणाधीन वर्धा जलाशय में 31 प्रतिशत जलभराव हुआ है। जिले में हो चुकी है 25 फीसदी से अधिक बारिश इस बार जिले में मानसून ने जल्दी दस्तक दे दी थी। परंतु लंबे ड्राय स्पेल के बाद अषाढ़ महिने के अंतिम सप्ताह से बैतूल जिले में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था जो सावन माह के पहले पखवाड़े तक जारी रहा। इस दौरान बैतूल जिले में औसत 25.20 इंच बारिश हुई है। जो इस अवधि तक जिले में गत वर्ष हुई औसत बारिश से 5.4 इंच अधिक है। गत वर्ष 9 अगस्त तक बैतूल जिले में 19.80 इंच बारिश हुई थी। जिले के भैंसदेही क्षेत्र में सर्वाधिक 34.93 इंच तथा आठनेर में सबसे कम 15.35 इंच बारिश हुई है।