गोपालगंज: बिहार (Bihar) के सारण और सिवान जिले (Saran and Siwan districts) में जहरीली शराब (Poisonous alcohol) पीने से मरने वालों की संख्या 30 पार कर चुकी है. सिवान जिले के सोंधानी, माघर, लकड़ी नबीगंज, भगवानपुर हाट आदि गांवों में लोगों की मौत हुई है. वहीं सारण जिले के ब्राहिमपुर, गंडामन, कईया टोला आदि गांवों के लोग शराब पीने से मरे हैं. कई और लोगों ने शराब पी रखी है, जिन्हें जांच कर इलाज के लिए अस्पतालों में भेजा जा रहा है. सिवान जिले में मरने वाले सभी लोग भगवानपुर हाट बाजार के आसपास गांवों से ही हैं. इसमें सोंधानी गांव में तीन लोगों की मृत्यु हुई है. यहां मरने वालों में 45 वर्षीय घुघली महतो, तिलेश्वर महतो और तारकेश्वर महतो शामिल हैं. एक साथ 3 लोगों की मौत से गांव में सन्नाटा पसरा है और घरों में चूल्हे नहीं जल रहे हैं.
मृतक के परिजन व गांव के लोग बताते हैं कि इन सभी ने 15 अक्टूबर को ही शराब पी थी. बाजार में गए और कहीं से शराब मिल गया, तो पीकर घर आ गए. 16 अक्टूबर की शाम में इनकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद इन अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कुछ समय के अंतराल पर तीनों ने दम तोड़ दिया.
गांव के सरपंच ललन गुप्ता लोकल 18 को बताते हैं कि 16 अक्टूबर की शाम 7:00 बजे घुघली महतो की तबीयत बिगड़ने लगी. थोड़ी देर के बाद आंखों की रोशनी चली गई, दिखाई देना बंद हो गया. इसके बाद परिजन रोने चिल्लाने लगे. गांव के लोग उन्हें इलाज के लिए भगवानपुर हाट बाजार पर ले गए. वहां से पीएचसी के डॉक्टरों ने बसंतपुर के लिए रेफर कर दिया. बसंतपुर में जाने पर तबीयत और भी बिगड़ गई. इसके बाद बसंतपुर से उसे सिवान के लिए रेफर कर दिया गया. सिवान जाने के क्रम में ही मौत हो गई.
सोंधानी गांव के तीनों मृतक मजदूरी का काम करते थे. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है. घुघली महतो की दो बेटे बेटियां हैं. वहीं तारकेश्वर महतो की भी दो बेटे व एक बेटी हैं, जिनकी शादी होनी अभी बाकी है. यह तीनों लोग मजदूरी करके अपने परिजनों का पेट पालते थे. अब उनके सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी है. Local 18 से बात करते हुए सोंधानी गांव के ग्रामीण जवाहर महतो ने कहा कि प्रशासन ने अगर पहले शराब की बिक्री पर रोक लगाई होती, तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता. ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है.
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