इंदौर , प्रियंका जैन देशपांडे। मरीजों को नि:शुल्क पोषण आहार देने के एवज में खजराना गणेश मंदिर प्रबंध समिति को गुहार ही नसीब हो रही है। पिछले लम्बे समय से कॉलेज प्रबंधन ने 3 करोड़ रुपए अदा ही नहीं किए हैं। खजराना गणेश मंदिर समिति ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है।
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित होने वाले पांच अस्पतालों में भर्ती लगभग 700 मरीजों को हर दिन पोषण आहार दिया जा रहा है, लेकिन भोजन के लिए सुनिश्चित की गई समिति को उसके एवज में सिर्फ आश्वासन ही नसीब हो रहा है। खजराना गणेश मंदिर प्रबंधन समिति ने तीन करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करने पर एमजीएम डीन को पत्र लिखा है। ज्ञात हो कि पूर्व कलेक्टर लोकेश जाटव के कार्यकाल में एमवाय अस्पताल सहित पांच अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को जल्दी स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए पोषण आहार की व्यवस्था शुरू की गई थी। 2019 अगस्त से शुरू की गई इस योजना में हर महीने 15 लाख रुपए के मान से लगभग 700 मरीजों को प्रतिदिन दो वक्त का भोजन, नाश्ता और दूध उपलब्ध कराने के लिए खजराना गणेश मंदिर समिति को टेंडर दिया गया था। तब से आज तक अनवरत मरीजों को भोजन दिया जा रहा है, लेकिन इसके एवज में भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले खजराना गणेश मंदिर की प्रबंधन समिति को पैसे वसूलने के लिए कलेक्टर की शरण में आना पड़ा। पिछले वर्ष से पांच मांग पत्र जारी करने के बावजूद एमजीएम कॉलेज प्रबंधन द्वारा पेमेंट नहीं किया जा रहा है। आयुक्त नगर निगम सहप्रशासक गणपति खजराना मंदिर द्वारा कलेक्टर को अवगत कराते हुए बताया गया है कि 20 जून 2022 से लेकर 14 अप्रैल 2023 तक पांच मांग पत्र भेजने के बाद भी 3 करोड़ 2 लाख 49 हजार रुपए की राशि का भुगतान लम्बित है।
48 रुपए में दो वक्त का खाना
समिति द्वारा प्रतिदिन भर्ती होने वाले 700 से ज्यादा मरीजों को दो वक्त का खाना, नाश्ता, दूध मुहैया कराया जा रहा है। सामान्य मरीजों को भोजन देने के एवज में 48 रुपए व गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार, दलिया और फल उपलब्ध कराने के एवज में 90 रुपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है, वहीं एनआईसीयू में भर्ती बच्चों के लिए 100 रुपए की राशि तय की गई है, जिसके मान से प्रतिमाह 15 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि एमवाय अस्पताल, कैंसर अस्पताल, चाचा नेहरू अस्पताल, मानसिक चिकित्सालय व एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती मरीजों को जल्दी स्वस्थ होने के लिए पोषण आहार देने की योजना शुरू की गई थी, जो पिछले चार वर्षों से अनवरत जारी है।
खाना बंटा, बिल का भुगतान नहीं
मंदिर प्रबंधन समिति के माध्यम से एमवाय परिसर में ही भोजन बनाने की व्यवस्था शुरू की गई थी, जिसके लिए दानदाताओं के माध्यम से बर्तन, भट्ठी व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई थी। सरकार द्वारा तय किए गए मानक के आधार पर मैन्यू डिसाइड किया गया था, ताकि मरीजों को पौष्टिक भोजन और दवाइयां समय पर मिल सकें। इसके बाद 2019 से अनवरत वितरण किया जा रहा है, वहीं अस्पताल प्रबंधन भुगतान करने के लिए बजट का रोना रो रहा है।
इनका कहना है…
बजट आते ही सबसे पहले पेमेंट कर दिया जाएगा। शासन द्वारा लम्बे समय से बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। मरीजों के हित में जल्दी कोशिश की जाएगी।
-संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम कॉलेज
अस्पताल प्रबंधन को अवगत कराया गया है। हालांकि खजराना गणेश मंदिर को बजट की कोई परेशानी नहीं है। बजट आते ही अस्पताल प्रबंधन ने भुगतान की बात कही है।
-इलैया राजा टी, कलेक्टर इंदौर
हाल ही में मैंने नोटिस भेजा है। कोविड के समय से 3 सालों का पैसा बाकी है। डिमांड बनाकर दी गई है। -हर्षिका सिंह, नगर निगम कमिश्नर, इंदौर
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