कोलकाता । पश्चिम बंगाल में (In West Bengal) कोयला तस्करी घोटाले को लेकर (Regarding Coal Smuggling Scam) ईडी की जांच के दायरे में (Under ED Probe) तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary) अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की तीन कंपनियां भी हैं (Three Companies also) । इन कंपनियों के नाम लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विसेस एलएलपी है। इन कंपनियों ने जांच एजेंसी का ध्यान तब आकर्षित किया जब जांच एजेंसी ने फंड के कुछ ट्रांसफर का पता लगाया।
लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट्स में अभिषेक बनर्जी के माता-पिता अमित और लता बनर्जी निदेशक हैं। लीप्स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विसेस एलएलपी, जो एक पार्टनरशिप फर्म है, इसमें अमित और लता बनर्जी नामित भागीदार हैं। इन तीनों संस्थाओं का एक ही पंजीकृत पता पी-733, ब्लॉक-पी, न्यू अलीपुर कोलकाता, पश्चिम बंगाल-700053 है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि घोटाले के प्रमुख कोयला सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला के स्वामित्व वाली एक रियल एस्टेट कंपनी से लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में मुख्य रूप से 4.37 करोड़ रुपये की बड़ी राशि ट्रांसफर की गई थी। एजेंसी के अधिकारी इन तीनों कंपनियों के खातों की जांच कर रहे हैं, ताकि इसी तरह के फर्जी लेनदेन या फंड ट्रांसफर का पता लगाया जा सके।
कॉरपोरेट मामलों के केंद्रीय मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले, अभिषेक बनर्जी खुद लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे, लेकिन 2014 में डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
अमित बनर्जी 2 जनवरी 2014 को कंपनी के बोर्ड सदस्य के रूप में शामिल हुए। हालांकि, लता बनर्जी 19 अप्रैल, 2012 को अपनी स्थापना के बाद से फर्म से जुड़ी हुई थीं। ईडी के सूत्रों ने कहा कि अभिषेक बनर्जी से शुक्रवार को साढ़े छह घंटे की लंबी पूछताछ के दौरान ईडी ने उनसे उन कंपनियों के साथ उनके जुड़ाव के बारे में पूछताछ की, जिनका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितता घोटाले और पशु तस्करी घोटाले के मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच के दौरान कई मुखौटा कंपनियों के नाम सामने आए। अब कोयला तस्करी की जांच में भी यही मुखौटा कंपनी का एंगल सामने आया है।
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