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देश में HMPV वायरस के 3 केस आए सामने, संक्रमित होने वाले तीनों शिशु; अलर्ट पर सारे राज्य

January 06, 2025

नई दिल्ली: चीन में फैले एचएमपीवी वायरस के भारत में तीन केस सामने आए हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दोनों केस कर्नाटक से सामने आए और एक केस अहमदाबाद से. तीनों केस में संक्रमित होने वाले शिशु ही हैं. आईसीएमआर ने नियमित निगरानी के माध्यम से कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों का पता लगाया. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि निगरानी प्रणाली मजबूत, देश में ILI या SARI मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं.

पाए गए एचएमपीवी मामलों में एक 3 महीने की नवजात शिशु, जिसे ब्रोन्कोपमोनिया के इतिहास के साथ बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसके बाद एचएमपीवी का निदान किया गया था. तब से उसे छुट्टी दे दी गई है. दूसरा मामला एक 8 महीने का शिशु, जिसका ब्रोन्कोपमोनिया के इतिहास के साथ बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती होने के बाद 3 जनवरी 2025 को एचएमपीवी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था.

जानकारी के मुताबिक फिलहाल बच्चे की स्थिति ठीक हो रही है. तीसरा मामला गुजरात के अहमदाबाद का है, जहां पर दो महीने के बच्चे की HMPV केस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मूल रूप से बच्चा मोडासा के पास के एक गांव का रहने वाला है. डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल बच्चे की तबीयत स्थिर है. जानकारी के मुताबिक सर्दी-बुखार के सिंप्टम्स होने पर उसे अस्पताल लाया गया था.


कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कुछ मामलो की जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना जारी की, जिसमें बताया गया है की भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों का पता लगाया है. देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में दोनों मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी.

मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक एचएमपीवी भारत सहित वैश्विक स्तर पर पहले से ही प्रचलन में है और विभिन्न देशों में एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क के वर्तमान आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. इसके साथ ही यह जानकारी भी दी गई है कि कर्नाटक के जो दो मामले सामने आए है उन मरीजों में से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है. आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी प्रचलन के रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले से ही चीन में चल रहे उपायों की जानकारी देने के लिए स्थिति के बारे में समय पर अपडेट प्रदान कर रहा है. देश भर में आयोजित हालिया तैयारी अभ्यास से पता चला है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तुरंत तैनात किया जा सकता है.

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