नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 का पांचवा महीना सावन शुरू हो चुका है. सावन माह शिव जी को समर्पित है. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को (First sawan somwar ) है. सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व (special importance) है. पुराणों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का माह सर्वोत्तम माना गया है. मान्यता है कि जो भक्त सावन सोमवार व्रत रख भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक (Jalabhishek) और पूरे विधि विधान से पूजा (Worship) करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं. इस बार सावन में चार सोमवार पडेंगे. इस साल सावन के हर सोमवार व्रत की पूजा बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि चारों सोमवार पर शुभ योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं पहले सावन सोमवार का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि.
सावन 2022 के पहले सोमवार पर योग (First Sawan 2022 somwar yoga)
रवि योग (Ravi yog)
सावन में पहला सोमवार 18 जुलाई 2022 को रवि योग बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार इस योग में शिव जी की पूजा के साथ मंत्र साधना करना लाभदायक होता है. रवि योग में शिव जी की आराधना करते वक्त महामृत्युंजय का जाप करें इससे भय दूर होगा और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी.
शोभन योग (Shobhan Yoga)
सावन महीने के पहले सोमवार पर शोभन योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस योग में व्रत, पूजा-पाठ, जप और साधना करने पर समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
सावन पहला सोमवार 2022 मुहूर्त ( First Sawan somwar 2022 Muhurt)
रवि योग आरंभ – 18 जुलाई 2022, 12.24 PM
रवि योग समाप्त – 19 जुलाई 2022, 5.35 AM
शोभन योग आरंभ – 17 जुलाई 2022, 05:49 PM
शोभन योग समाप्त – 18 जुलाई 2022, 03:26 PM
अभिजीत मुहूर्त – 18 जुलाई 2022, 11.47 AM से 12.41 PM
सावन सोमवार 2022 पूजा विधि (Sawan somwar 2022 puja vidhi)
सावन सोमवार के सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के बाद साफ वस्त्र पहनें. घर में शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिव जी के समक्ष दाएं हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें.
शिवलिंग पर गंगाजल सेअभिषेक कर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) अर्पित करें. इस दिन भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन लाभ होता है.
21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें और शिवलिंग पर इसी मंत्र जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र चढ़ाएं
शिवलिंग का सफेद चंदन और पुष्प से श्रृंगार करें, धतूरा, शमी पत्र, भांग, भस्म, अबीर, गुलाल, अक्षत, केसर, पान, सुपारी, इत्र आदि शिवलिंग पर अर्पित करें.
फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें. साथ ही पहला सावन सोमवार पर कई विशिष्ट योग बन रहे हैं ऐसे में शांत मन से शिव के मंत्रों का जाप करना शुभ होगा.
अब सावन सोमवार व्रत कथा का श्रवण करें और भोलेनात की आरती कर प्रसाद लोगों में बांट दें.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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