चंडीगढ़: पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान एक 29 साल के युवा और जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक अमृतपाल सिंह संधू द्वारा संभालने के बाद विवाद गहराता जा रहा है. यह संगठन अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू का है, जिसकी कुछ महीने पहले रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. वह 26 जनवरी, 2021 को लालकिले पर हुए उपद्रव के मामले में प्रमुख आरोपी भी था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमृतपाल की कथित संदिग्ध गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए, जहां पंजाब सरकार को पत्र लिखकर सतर्क रहने को कहा है, वहीं अब राजनीतिक दलों ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है. कांग्रेस ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि पंजाब हिंसा और रक्तपात का एक और युग बर्दाश्त नहीं कर सकता. दरअसल अमृतपाल की राजनीति को खालिस्तान समर्थक कहा जा रहा है. हाल ही में उसकी गतिविधियों का देखते हुए सरकार ने उसके ट्विटर अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभालते हुए अमृपाल ने कहा था, ‘हम सब पंजाबी अब भी गुलाम हैं. जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. हमें आजादी के लिए लड़ना होगा. हमारा पानी लूटा जा रहा है. हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है. बेअदबी करने वालों को न तो पुलिस के हवाले किया जाएगा और न ही अदालतों में भेजा जाएगा. ओहदा सोदा लगुगा यानी हम उन्हें दंडित करेंगे.’
इस बीच उसके समारोह में लगातार खालिस्तान समर्थक नारे लगते रहे. 29 सितंबर को अमृतपाल की माजूदगी में एक सभा में प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसमें सरकार से भारत और विदेशों में खालिस्तान के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा गया था. यही वजह है कि पंजाब में एक बार फिर से खालिस्तानी आंदोलन तेज होने की आशंका जाहिर की जा रही है.
भाजपा और कांग्रेस ने जताई चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी सरकार को ऐसी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी दी है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी अमृपाल को लेकर पंजाब के डीजीपी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर को याद करते हुए लिखा है कि राज्य हिंसा और रक्तपात का एक और युग बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने भी इस युवक की संदिग्ध गतिविधियों की जांच कराने की मांग की है. राजा वड़िंग ने स्पष्ट किया कि उन्हें और उनकी पार्टी को किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म के प्रचार से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों को हिंसा के लिए भड़काना अस्वीकार्य है.
1993 में जन्मा अमृतपाल सिंह संधू अमृतसर जिले की बाबा बकाला तहसील के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. कहा जाता है कि 2012 में काम के लिए दुबई जाने से पहले उसने प्लस टू स्तर तक पढ़ाई की थी. उसने दुबई में परिवहन व्यवसाय में काम किया और ‘वारिस पंजाब दे’ को संभालने के लिए 2022 में वापस भारत आ गया. उसके हाल की सोशल मीडिया गतिविधियां इस बात का संकेत देती हैं कि वह कम से कम पिछले 5 वर्षों से सिखों से जुड़े मुद्दों पर बोल रहा है. वह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक है और उसकी तरह का ही पोशाक धारण करता है.
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