img-fluid

अहिल्या पथ में जमीन मालिकों के मंजूर 29 अभिन्यास नहीं होंगे निरस्त, याचिका खारिज

  • April 24, 2025

    • शासन के बाद प्राधिकरण को हाईकोर्ट में भी लगा झटका, नगर तथा ग्राम निवेश ने टीपीएस योजनाओं की घोषणा के 6 माह पहले ही किए थे मंजूर अभिन्यास, मचा था खूब हल्ला भी

    इंदौर। प्राधिकरण को पहले शासन ने अहिल्या पथ के लिए घोषित टीपीएस योजनाओं को अमल में लाने की अनुमति नहीं दी, तो उसके बाद हाईकोर्ट ने भी नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा मंजूर किए गए 29 अभिन्यासों को निरस्त करने से इनकार कर दिया। ये अभिन्यास योजनाओं को प्राधिकरण बोर्ड द्वारा घोषित किए जाने के लगभग 6 माह पूर्व मंजूर किए गए थे, जिसमें 100 एकड़ से अधिक जमीनें शामिल हैं, जिसको लेकर हल्ला भी मचा था। 15 किलोमीटर लम्बे अहिल्या पथ निर्माण के लिए प्राधिकरण बोर्ड ने लगभग 3 हजार एकड़ पर 5 टीपीएस योजनाएं घोषित की थी, जो फिलहाल खटाई में पड़ गई है, क्योंकि शासन ने रोड के दूसरी तरफ भी खेती की जमीनों को योजनाओं में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

    अग्रिबाण ने ही उस वक्त यह खुलासा किया था कि जहां जमीनी जादूगरों ने ताबड़तोड़ अहिल्या पथ के आसपास किसानों से जमीनें खरीद ली, तो दूसरी तरफ अभिन्यास भी मंजूर करवाए और इस मामले में प्राधिकरण के ही प्लानिंग शाखा से जुड़े एक अधिकारी पर आरोप लगे, जिसके चलते बाद में उसे हटाया भी गया। दरअसल, मास्टर प्लान में 15 किलोमीटर जो लम्बा रोड है उसे अहिल्या पथ नाम देकर प्राधिकरण ने 5 टीपीएस योजनाएं घोषित की, जिसमें नैनोद, रिजलाय, बुड़ानिया, बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, लिम्बोदागारी, रेवती और बरदरी की 3 हजार एकड़ से अधिक जमीनें शामिल की गई। 75 मीटर चौड़ा यह रोड इंदौर-पीथमपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर से जुड़ेगा, जिससे उज्जैन के साथ-साथ पीथमपुर तक का आवागमन सुगम हो सकेगा। प्राधिकरण बोर्ड ने धारा 50 (1) के तहत नोटिफिकेशन जारी करते हुए इन योजनाओं को घोषित किया और उसके साथ ही कलेक्टर आशीष सिंह ने इन जमीनों पर नए अभिन्यास की मंजूरी पर रोक भी लगा दी, जिसके चलते अभी तक नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा इन जमीनों पर अभिन्यास मंजूर नहीं किए जा रहे हैं।


    दूसरी तरफ जो अभिन्यास पूर्व में मंजूर किए गए थे उन्हें भी प्राधिकरण ने नगर तथा ग्राम निवेश की धारा 31 के तहत संभागायुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत कर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करवाई। ऐसे लगभग 29 अभिन्यास 100 एकड़ से अधिक जमीनों पर मंजूर किए गए। इस मामले में संभागायुक्त कार्यालय से दिए गए स्टे को जमीन मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती भी दी। अशोक एसोसिएट्स और पार्टनरों द्वारा संभागायुक्त और अन्य के खिलाफ दायर की गई याचिका को हाईकोर्ट ने समाप्त कर दिया और अभिन्यास निरस्ती की प्राधिकरण की मांग को मंजूर नहीं किया। दरअसल, प्राधिकरण फिलहाल इस मामले की अपील अब इसलिए भी नहीं कर पाएगा क्योंकि अहिल्या पथ योजना ही खटाई में पड़ी है, क्योंकि शासन ने भी उसे मंजूरी नहीं दी और प्राधिकरण को निर्देश दिए कि रोड के दूसरी तरफ खेती की जमीनें भी टीपीएस योजनाओं में शामिल कर नए सिरे से प्रस्ताव भेजा जाए। लिहाजा अब प्राधिकरण खेती की जमीनों पर योजनाओं को कैसे घोषित करे इसका तोड़ ढूंढने में जुटा है।

    कंसल्टेंट, नगर तथा ग्राम निवेश से लेकर विधिक सलाह भी इस मामले में ली जा रही है। साथ ही मास्टर प्लान के प्रारुप का भी इंतजार है, ताकि उसमें अगर ये जमीनें आवासीय प्रस्तावित कर दी जाए तब भी योजनाएं घोषित करने का रास्ता खुल जाएगा। इस मामले में जमीनी जादूगरों ने भी भोपाल तक जुगाड़ जमाई और प्राधिकरण की मंजूरी उलझा दी, ताकि उन्हें कोर्ट-कचहरी में भी फायदा मिल सके। अब संभव है, आने वाले दिनों में जमीन मालिकों द्वारा अभिन्यास मंजूरी पर लगाई रोक को भी चुनौती दी जाएगी।

    संभागायुक्त ही अध्यक्ष… कैसे दे सकते हैं स्टे..?
    इस मामले में रोचक तथ्य हाईकोर्ट के समक्ष जमीन मालिकों की ओर से अभिभाषकों ने यह भी रखा कि फिलहाल संभागायुक्त ही प्राधिकरण के भी अध्यक्ष हैं, तो वे कैसेधारा 31 के तहत मंजूर किए गए अभिन्यासों पर स्टे दे सकते हैं? यानी एक तरफ प्राधिकरण अध्यक्ष के नाते संभागायुक्त ने ही बोर्ड बैठक में अहिल्या पथ की टीपीएस योजनाओं को मंजूरी दी और दूसरी तरफ संभागायुक्त के रूप में उन्हीं के समक्ष प्राधिकरण ने अभिन्यास निरस्ती की अपील दायर कर दी। हालांकि संभागायुक्त ने भी इस मामले में सुनवाई की जिम्मेदारी अतिरिक्त उपायुक्त को सौंप दी, जिन्होंने इन मंजूर अभिन्यासों पर स्टे आदेश दे दिया था और उसी को चुनौती देते हुए जमीन मालिकों ने हाईकोर्ट की सिंगल बैंच में याचिका दायर की, जिस पर अभी न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने 4 पेज का फैसला दिया, जिसमें मंजूर किए गए अभिन्यासों को निरस्त करने से इनकार करते हुए याचिका को डिस्पोज्ड ऑफ कर दिया। अब प्राधिकरण इस फैसले के खिलाफ डबल बैंच के समक्ष फिलहाल अपील इसलिए भी नहीं कर पाएगा क्योंकि अहिल्या पथ से जुड़ी पांचों टीपीएस योजनाओं की उसके पास शासन की मंजूरी भी नहीं है। हालांकि कलेक्टर के आदेश के चलते नगर तथा ग्राम निवेश ने बीते 8 महीनों से कोई भी नया अभिन्यास इन जमीनों पर मंजूर नहीं किया है। प्राधिकरण ने 15 किलोमीटर लम्बी और 75 मीटर चौड़ी प्रस्तावित रोड के एक तरफ ही 500 मीटर में 5 टीपीएस योजनाएं घोषित कर दी हैं।

    Share:

    कल सुबह श्रीनगर की उड़ानों का दुगना किराया, शासन के आदेश के बाद हुआ कम

    Thu Apr 24 , 2025
    एक माह बाद की भी कश्मीर की बुकिंग कैंसिल कर रहे पर्यटक इंदौर। पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले (Terrorist attacks) के बाद अब पर्यटक कश्मीर से निकलने की जल्दी में है। इसके चलते एयर लाइंस (Air Lines) ने कल श्रीनगर (Srinagar) और जम्मू (Jammu) से उड़ानों का किराया दुगना होने के बाद शासन द्वारा […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved