भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिये नांमाकन शुरु हो गये हैं। तारीखों के एलान के साथ ही पूरी सरकारी मशीनरी चुनाव कराने में जुट गई है। जिन जिलों में इन 28 सीटों पर उप चुनाव होने हैं वहां चुनावी पारा बढऩे के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण का ग्राफ भी बढ़ रहा है। प्रदेश के उपचुनाव वाले इन19 जिलों पर लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में उप चुनाव की सबसे ज्यादा सीटें हैं। यहां कोरोना मरीजों की संख्या भी अधिक है। हालांकि चुनाव आयोग उप चुनाव क्षेत्रों पर लगातार नजर रखकर, कोरोना गाइडलाइन के साथ चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है। आयोग प्रतिदिन जिला प्रशासन से मृतकों, संक्रमित मरीजों और स्वस्थ होने वालों की रिपोर्ट ले रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि यहां संक्रमण और स्वस्थ होने वालों की स्थिति क्या है। असल में कोरोना काल होने के कारण यह चुनाव आम चुनाव से हटकर होंगे। चुनाव आयोग यहां विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने से लेकर कोरोना संक्रमण रोकने तक के उपाय होंगे। यह भीध्यान रखना होगा कि सभी को मतदान का अधिकार मिले। कोरोना संक्रमित मतदाता के लिए भी मतदान की विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसी को ध्यान में रखकर आयेाग तैयारी की है।
संक्रमण 1.45 लाख के पार
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख 45 हजार के पार जा पहुंचा है। उप चुनाव क्षेत्रों में भी यह आंकडा लगातार बढ़ रहा है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के ग्वालियर जिले की बात करें तो यहां 15 दिन में संक्रमित मरीज बढ़ते गए।
उच्च न्यायालय भी दे चुका है निर्देश
उपचुनाव की सीटों पर बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव आयोग भी सकते में है, अब आयोग के अधिकारी पूरी स्थिति पर पैनी नजर बनाये हुए हैं और चुनाव में उन सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। जिनसे बढ़ते संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि कोरोना को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने भी सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि उपचुनाव में किसी भी स्थिति में कोरोना गाइडलाइन का पालान करना होगा और पालान नहीं होने पर जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी, पर चुनाव वाली सीटों पर कोरोना को लेकर राजनीतिक दलों की गंभीरता किसी से छुपी नहीं है।
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