नई दिल्ली। 42 वर्षीय सोनी ने बताया कि गुजरात में सोमनाथ, द्वारका और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन करने के बाद उन्हें वैष्णोदेवी जाना था। लेकिन उन्हें पता चला कि टिकट एक महीने पहले का है।
ऐसे में बिना रिजर्वेशन के वे अपने परिवार के साथ अनारक्षित डिब्बे में इतनी लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते थे। तभी उनकी पत्नी ने शिर्डी जाने की बात कही और वे बस से अहमदाबाद से शिर्डी आ गए। 10 अगस्त को इंदौर के इस परिवार ने प्रसिद्ध सांईबाबा मंदिर के दर्शन किए। सोनी ने कहा वहां एक मेले में बच्चे झूला झूल रहे थे, तभी मेरी पत्नी ने आसपास की दुकानों का दौरा करने की बात कही। मुझे लगा कि उसे बच्चों के बिना जाना चाहिए, क्योंकि बच्चे बहुत सारी चीजों की मांग करेंगे। उस दिन के बाद से उनकी पत्नी दीप्ति आज तक नहीं मिली। सोनी के अपनी पत्नी को खोजने के अथक प्रयासों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच को इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया। पुलिस द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 27 अक्टूबर, 2020 के बीच शिर्डी से 279 लोगों के लापता होने की सूचना मिली, जिनमें से 67 का अब भी कोई पता नहीं है। इसमें विवाहित और अविवाहित महिलाएं भी शामिल हैं।
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