इन्दौर। शहर में वाहन चोरी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। हर साल वाहन चोरी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस साल भी यह सिलसिला जारी है। तीन माह में शहर से 853 गाडिय़ां चोरी हुई हैं। प्रतिमाह 278 और रोजाना 9 गाडिय़ां चोरी हो रही हैं, लेकिन पुलिस इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। शहर में पिछले कुछ सालों से वाहन चोरी लगातार बढ़ रही है। 2023 में तीन माह में शहर से 815 गाडिय़ां चोरी हुई थीं। 2024 में 830 और इस साल 835 गाडिय़ां चोरी होने की रिपोर्ट शहर के थानों में हुई है। इस हिसाब से शहर में हर माह 278 गाडिय़ां चोरी हो रही हैं।
किसी माह यह आंकडा 300 के पार भी पहुंच रहा है। इस हिसाब से रोजाना शहर से वाहन चोर 9 गाडिय़ां चुराकर ले जा रहे हैं और पुलिस इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। पुलिस का एक ही जवाब होता है कि वाहन चोरी के पीछे दो गिरोह प्रमुख हैं- एक देवास का कंजर गिरोह तो दूसरा धार-टांडा का गिरोह। देवास का गिरोह पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय है तो धार-टांडा का गिरोह पश्चिम क्षेत्र के थानों से गाडिय़ां चुरा रहा है। पुलिस कई बार इनके डेरों पर छापे भी मार चुकी है और गाडिय़ां भी जब्त की हैं। पुलिस के पास चोरों के सौ से अधिक वीडियो भी हैं, लेकिन पुलिस केवल कुछ लोगों को पकडक़र दस प्रतिशत गाडिय़ां ही बरामद कर पाती है। शहर से अब हर साल 3 से 4 हजार गाडिय़ां चोरी हो रही हैं।
ये थाने है हॉट स्पॉट
शहर में यूं तो हर थाना क्षेत्र में वाहन चोर सक्रिय हैं, लेकिन सबसे अधिक वाहन चोरी विजयनगर, लसूडिय़ा, कनाडिय़ा, एमआईजी, तुकोगंज, एरोड्रम, भंवरकुआं, संयोगितागंज, तिलकनगर क्षेत्र में हो रही है। इनमें भी एक बात सामने आई है कि सबसे अधिक वाहन चोरों के निशाने पर अस्पताल, मार्केट की पार्किंग, मॉल, शराब की दुकानें प्रमुख हैं। एमवाय अस्पताल तो पिछले कुछ सालों से वाहन चोरी का हॉट स्पॉट बना हुआ है।
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