इंदौर (Indore)। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कलेक्टर को और कलेक्टर ने अपने अधीनस्थों को अपने-अपने विभागों पर नजर रखने के निर्देश तो दे दिए, लेकिन अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि कलेक्टर द्वारा तैयार कराए गए समाधान ऐप पर 499 अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन तो कराया, लेकिन पिछले हफ्ते सिर्फ 109 अधिकारियों ने ही अपने अधीनस्थ विभागों में चल रही कार्रवाई पर नजर रखी। 275 विभागों के अधिकारियों ने जांच शुरू करने का मन तक नहीं बनाया है। मनमानी का आलम यह है कि कॉलोनी सेल, खनिज विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल सहित एमवाय जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी नहीं समझा।
कहीं पोल न खुल जाए
अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा विभागों में चल रही मनमानी व धांधलेबाजी, फाइलें दबाने के प्रकरणों को आगे नहीं बढ़ाने और लेनदारी जैसी कार्रवाई पर लगाम लगाने के लिए सभी विभाग प्रमुखों के अतिरिक्त राजस्व विभाग के अधिकारियों को अपने अधीनस्थों एवं जनता से जुड़ी शाखाओं का निरीक्षण नियमित करने के निर्देश दिए हैं। हर हफ्ते निरीक्षण के संभागायुक्त के निर्देश के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने आंगनवाड़ी, जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर लिया। आईएएस अपर कलेक्टर गौरव बैनल और ज्योति शर्मा ने अपनी अधीनस्थ तहसील न्यायालयों का निरीक्षण कर कार्रवाई भी कर दी, लेकिन इनके अधीनस्थ इनके निर्देशों को मानने ही तैयार नहीं है।
275 अधिकारियों ने दौरा करने की जहमत भी नहीं उठाई है, वहीं 212 अधिकारी ही मैदान में उतरे हैं। ज्ञात हो कि कलेक्टर द्वारा तैयार कराए गए समाधान ऐप पर हर हफ्ते विभागों का दौरा कर मौके से ही फोटो खींचकर अपडेट करने और जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। अपने विभागों की पोल ना खुल जाए, इसलिए अधिकारी जांच ही नहीं कर रहे। पूर्व में राजस्व महाअभियान के समय भी निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे, तब संभागायुक्त और कलेक्टर ने निरीक्षण कर कमियों को दूर करने कहा था, किंतु कुछ अपर कलेक्टर और एसडीएम ने इस दौरान निरीक्षण करना भी उचित ही नहीं समझा था।
हम नही सुधरेंगे, कार्रवाई झेलेंगे
कलेक्टर में निरीक्षण की जानकारी संग्रहित करने के लिए समाधान ऐप तैयार करवाया है, जिस पर सभी विभाग प्रमुख को अपना पंजीयन कराना आवश्यक है। अचरज की बात तो यह है कि कॉलोनी सेल जैसे महत्वपूर्ण विभाग की कमान संभाल रहे संयुक्त कलेक्टर प्रदीप सोनी और खनिज विभाग के अधिकारी संजय लुणावत, एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ अशोक यादव, आईपीसी बैंक के सीईओ आलोक जैन, एनएचएआई के सोमेश बांझल, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डॉक्टर संजय कुमार जैन ने अभी तक इस ऐप पर अपना पंजीयन तक नहीं कराया है। पंजीयन की स्थिति पर नजर डाली जाए तो जिले के 10 अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने पंजीयन कराना उचित नहीं समझा। इसमें अलग-अलग विभागों के जिम्मेदार शामिल है। समयसीमा की बैठक में यह मुद्दा सामने आने के बाद कलेक्टर ने उन्हें जल्द से जल्द अपना पंजीयन कराने के निर्देश दिए थे और आरओ बैठक में इन पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।
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