इंदौर। शहर सहित सारे इंदौर जिले में एचआईवी पाजिटिव यानी एड्स से पीडि़त मरीजों के बढ़ते आंकड़े , यकीनन इसलिए चौंकाने वाले हैं, क्योंकि महज 180 दिनों में मतलब 6 महीनों में ही 273 नए एड्स पीडि़त मिले हंै, जिनमें हर उम्र के लोग शामिल हैं। एड्स पीडि़तों में बड़ों से लेकर बच्चे भी शामिल हैं। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सहायता केंद्र व जिला स्वास्थ्य प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद इंदौर में एड्स पीडि़त के आंकड़ों पर प्रभावशाली नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
पिछले 6 महीने के दौरान संदिग्ध 30,692 पुरुष और 16,758 महिला मरीजों के इलाज के चलते हुई मेडिकल जांच में 273 महिला और पुरुष एचआईवी पाजिटिव मिले हैं। इनमें 188 पुरुष 85 महिला एड्स पीडि़त हैं। 85 पाजिटिव महिलाओ में से 18 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। मेल-फीमेल मरीजों के अलावा 3 ट्रांस जेंडर यानी थर्ड जेंडर भी शामिल हैं। इन पीडि़तों में 5 साल के बच्चे से लेकर 10 साल से बड़े भी हैं।
यह सारे आंकड़े 1 जनवरी 2022 से लेकर 30 जून तक मिले नए मरीजों के हैं। एचआईवी मेडिकल जांच के दौरान जितने पाजिटिव मरीज मिले हैं, उनका सरकार द्वारा मुफ्त इलाज व जांचें की जा रही हैं। मरीजों की सम्पूर्ण रूप से पहचान छुपाते हुए सभी एचआईवी मरीजों के घर तक दवा नियमित पहुंचाई जा रही है। इलाज के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि मरीज की दवाइयों में एक दिन का भी नागा यानी गेप नहीं होना चाहिए। इसलिए सूची के अनुसार स्वास्थ्य विभाग व एनजीओ मरीजों के घर तक दवा पहुंचाते हैं।
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