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    पिछले माह इंदौर में 273 कोरोना मौतें

  • April 05, 2021

    लौट आया कोरोना… श्मशानों में अंतिम संस्कारों के लिए जगह नहीं…
    अप्रैल के मात्र 4 दिनों में 106 चिताएं जलीं
    इन्दौर निलेश राठौर। प्रशासन (Administration) इंदौर (Indore) में हर दिन भले ही दो-चार मौतों (death) के आंकड़े दे रहा हो, लेकिन कोरोना (Corona) की भयावहता का सच उगलते इंदौर के केवल 9 श्मशान घाटों से जुटाए आंकड़ों से पता चला कि शहर में पिछले 35 दिनों में ही कोरोना महामारी ने 379 लोगों को निगल लिया। इनमें से मार्च माह में ही 273 चिताएं इन श्मशानों पर जलीं, वहीं अप्रैल माह के शुरुआती 4 दिनों में ही कोरोना से मरने वालों की संख्या 106 पर पहुंच गई। शहर के मेघदूत (Meghdoot) एवं रीजनल पार्क (Regional Park) स्थित मुक्तिधामों में जहां एक के बाद एक कोरोना शव आते रहे, वहीं रामबाग भी सर्वाधिक चिताओं वाले मुक्तिधामों (Muktidham) में शामिल रहा।

     

    इंदौर के जिला प्रशासन (Administration)  तो केवल समझा रहा है, लेकिन मौतों की हकीकत का यह आंकड़ा इस कदर डरा रहा है कि शहर श्मशान नजर आ रहा है। धधकती चिताएं कई परिवारों को उजाड़ चुकी हैं। जो लोग शहर में बिना एहतियात के बेखौफ घूम रहे हैं वो खुद अपनी मौत बुला रहे हैं। दिल दहला देने वाली बात यह है कि कोरोना अब संपन्नों की गलियों में पसर चुका है। शहर के 9 श्मशानों में से संपन्न इलाके वाले रीजनल पार्क मुक्तिधाम में जहां 96 शव जलाए गए, वहीं मेघदूत स्थित मुक्तिधाम में 71 चिताएं जलीं। यहां हालत यह हो गई है कि अंतिम संस्कार से पहले परिजनों को जाकर चिता के लिए स्थान खोजकर रखना पड़ रहा है। मार्च में जहां 31 दिनों में कोरोना संक्रमितों के 273 शवों का अंतिम संस्कार (funeral) हुआ, वहीं सामान्य मृत्यु सहित 1462 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार (funeral) किया गया। अप्रैल के शुरुआती 4 दिनों में ही अंतिम संस्कारों की संख्या 274 पहुंच गई है, जिनमें कोरोना से संक्रमित होकर काल के गाल में जाने वालों की संख्या 106 है।


    चिताओं के लिए भी लगी इंदौर में कतार…
    लॉकडाउन (lockdown) खुलने के बाद जैसे-तैसे शहर और देश पटरी पर लौटा ही था कि किसी डरावनी फिल्म की तरह लौटते कोरोना ने शहर में हाकाकार मचा दिया। देशभर में तो कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, वहीं इन्दौर ने तो पिछले साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया और अब हर दिन घोषित आंकड़ों के अनुसार 700 से ज्यादा मरीज निकल रहे हैं, जबकि अघोषित सूत्रों के अनुसार यह संख्या हजार को भी पार कर गई है। शहर के अस्पतालों की स्थिति यह बनी हुई है कि हर अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, वहीं श्मशानों में अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। श्मशानों में जाकर अग्निबाण की टीम ने जब पिछले माह और चालू माह अप्रैल के आंकड़े एकत्र किए तो आंखें फटी रह गईं। इस दौरान पिछले माह में ही केवल 9 श्मशान घाटों पर 1462 चिताएं जलीं। इनमें 273 कोरोना मरीजों के शव थे, वहीं अप्रैल माह और ज्यादा डराने वाला साबित हुआ। माह के चार दिनों में ही 274 चिताएं जलीं, जिनमें से 106 मौतें कोरोना मरीजों की हुईं।

    एक माह में 1462 मौतें… कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों से भी इलाज न मिलने पर दम तोड़ रहे लोग
    शहर में कोरोना (Corona) संक्रमितों के आए सैलाब से एक तरफ जहां अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड उपलब्ध नहीं हैं, वहीं इलाज न मिलने के कारण मरीज कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों से दम तोडऩे लगे हैं। अचानक मौतों के आंकड़ों में आया उछाल श्मशान के रजिस्टरों में देखने को मिला है। कैंसर, निमोनिया, लिवर, किडनी, हार्ट अटैक वाले मरीजों की भी समय पर इलाज न मिलने के कारण मौतें बढ़ी हैं। इस वजह से एक माह में ही इंदौर के श्मशानों में 1462 चिताएं जलीं।


    प्रशासन का दावा… इंदौर में जली बाहरी चिताएं
    शहरभर के मुक्तिधामों (Muktidham) से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले 35 दिनों में तीन इमली, बाणगंगा मुक्तिधामों में सबसे कम कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ। सर्वाधिक कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार वाले मुक्तिधाम में रीजनल पार्क मुक्तिधाम पर 96 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया है। यहां पर कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा इसलिए बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां पर अधिकांश खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, धामनोद, बड़वानी के लोग अपने परिजनों की पार्थिव देह को लेकर आते हैं और यहीं पर अंतिम संस्कार करवाकर घर लौट जाते हैं। इसी प्रकार मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम में भी देवास, भोपाल, शाजापुर, सेंधवा, रतलाम सहित अन्य बाहर के जिलों में रहने वाले लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं और वहीं से अपने-अपने घर चले जाते हैं।


    कोरोना संक्रमित कर्मचारी की किटों से भरे पड़े डस्टबिन
    शहर के एकमात्र डीजल संचालित शवदाहगृह रामबाग मुक्तिधाम (Rambagh Muktidham) में कोरोना संक्रमितों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाने वाले शासकीय व अशासकीय कर्मचारी शवों को अंतिम संस्कार के लिए शवदाहगृह में भेजने के बाद संक्रमित किट को वहीं पड़े डस्टबिन में डालकर जा रहे हैं, जो बड़ा खतरा बन रही है।


    श्मशान नहीं हो रहे सेनिटाइज और न ही मिल रही किट
    कोरोना संक्रमितों की मौत के मामले दिनोदिन बढ़ते ही जा रहे हैं, मगर पिछले साल की तरह श्मशानों में न तो नगर निगम द्वारा किसी प्रकार का सेनिटाइज किया जा रहा है और न ही किसी कर्मचारी को सुरक्षा किट दी जा रही है। श्मशानों का आलम यह है कि वहां काम करने वाले कर्मचारी बगैर किसी किट के कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, जिससे उनके और उनके परिवार के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।


    परिजनों को ही उठाना पड़ रहा कोरोना संक्रमितों के शवों को
    शहर के विभिन्न श्मशानों में कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों को लेकर आने वाली नगर निगम की गाड़ी और प्राइवेट एम्बुलेंस वाले मरीजों के शव को परिजन को बगैर किट पहनाए उठाने के लिए कहते हैं, जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
    अस्थि संचय के लिए भी केवल 2 दिनों का वक्त शहर के सभी 9 श्मशानों में अंतिम संस्कार के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुक्तिधामों में काम करने वाले कर्मचारी अंतिम संस्कार करने वाले परिवार को रजिस्टर में इंट्री करते समय हिदायत दे रहे हैं कि आप अस्थि संचय का कार्य 2 दिन में ही कर लें, ताकि अन्य शव का वहां पर अंतिम संस्कार किया जा सके।

    35 दिन… 9 श्मशान… 379 चिताएं जलीं
    – पंचकुइया मुक्तिधाम 42
    – रीजनल पार्क मुक्तिधाम 96
    – मालवामिल मुक्तिधाम 29
    – मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम 71
    – रामबाग मुक्तिधाम 51
    – जूनी इन्दौर मुक्तिधाम 33
    – बाणगंगा मुक्तिधाम 17
    – तिलक नगर मुक्तिधाम 36
    – तीन इमली मुक्तिधाम 4
    कुल 379

    मार्च माह के अंतिम संस्कार
    पंचकुइया मुक्तिधाम 337
    रीजनल पार्क मुक्तिधाम 230
    मालवा मिल मुक्तिधाम 206
    मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम 191
    रामबाग मुक्तिधाम 124
    जूनी इन्दौर मुक्तिधाम 114
    बाणगंगा मुक्तिधाम 113
    तिलक नगर मुक्तिधाम 102
    तीन इमली मुक्तिधाम 45
    कुल 1462

    4 दिनों में 274 मौतें
    पंचकुइया मुक्तिधाम 51
    रीजनल पार्क मुक्तिधाम 42
    मालवा मिल मुक्तिधाम 39
    मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम 53
    रामबाग मुक्तिधाम 25
    जूनी इन्दौर मुक्तिधाम 16
    बाणगंगा मुक्तिधाम 19
    तिलक नगर मुक्तिधाम 24
    तीन इमली मुक्तिधाम 4
    कुल 274

     

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