उज्जैन। कल दोपहर बाद चरक अस्पताल की लेब टेक्निशियन महिला की उपचार के दौरान इंदौर में मौत हो गई। एक दिन पहले ही उक्त महिला की डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कल शहर में रिकार्ड डेंगू के 27 नए पॉजिटिव मामले सामने आए। यह मरीज शहर के 12 इलाकों में पाए गए है। आज सुबह से मलेरिया विभाग की टीमें इनके घर पहुंची।
शहर में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। कल शाम तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उज्जैन जिले में डेंगू संभावित 483 मरीजों के टेस्ट की रिपोर्ट आ चुकी थी। इनमें से कुल 139 केस मलेरिया विभाग के अनुसार अब तक पॉजिटिव मिल चुके है। इनमें से कल 74 मरीजों की जांच रिपोर्ट आई। इसमें से 27 नए पॉजिटिव मामले डेंगू के सामने आ गए। इनमें 26 मामले उज्जैन शहर के ही है, जबकि एक मामला आगर का है।
आज सुबह से मलेरिया विभाग की तीन टीमें 27 नए मरीजों के इलाकों में लार्वा ढूंढने तथा उसे नष्ट करने के लिए निकली। टीम के इंचार्ज मलेरिया विभाग के अधिकारी प्रशांत तिवारी ने बताया कि आज टीमें वार्ड क्रमांक 25 में पाए गए डेंगू मरीजों के घरों के साथ साथ कमरी मार्ग, तोपखाना, दानीगेट, दौलतगंज, जूना सोमवारिया, जानसापुरा, नलियाबाखल तथा आगर रोड क्षेत्र में जहां भी पॉजिटिव मरीज कल शाम आए है वहां तीन अलग अलग टीमें रवाना हो रही है। टीमों के पास दवा के छिड़काव तथा डेंगू का लार्वा नष्ट करने के पूरे संसाधन है। श्री तिवारी ने कहा कि टीम न केवल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर पॉजिटिव आए मरीज के घर से 300 मीटर के दायरे में लार्वा नष्ट कर रही है, बल्कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को यह भी समझा रही है कि घरों में पानी का स्टॉक न करें। डेंगू मच्छर का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है। जितन आवश्यकता हो घरों में तथा आसपास इतना ही पानी सहेज कर रखें। आसपास जमा गढ्ढों में फिनाइल, केरोसिन या ऑइल का छिड़काव जरुरी है। इससे ही डेंगू पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
चौथे दिन मौत हो गई लेब टेक्निशियन की
चरक अस्पताल की लेब में लेब टेक्निशियन के पद पर कार्यरत अर्चना पति सुनील बनवार उम्र 28 साल निवासी पुष्पांजलि नगर, आगर रोड को चार दिन पहले बुखार आया था। सोमवार को डेंगू की जांच कराने तक रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉ. एचपी सोनानिया के मुताबिक महिला की प्लेटलेट्स में लगातार गिरावट होने से किडनी और लीवर ने काम करना बंद कर दिया था। जिसके बाद उन्हें माधव नगर से इंदौर रैफर किया गया था। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। हालांकि इस बारे में मलेरिया अधिकारी डॉ. एस.के. अखंड का कहना था कि इंदौर से फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि महिला की मौत का कारण डेंगू है या अन्य बीमारी। हालांकि इस मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है और उज्जैन में यह डेंगू से पहली मौत ने लोगों को भी चिंता मेंं डाल दिया है।
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