इंदौर। पिछले दिनों कारम बांध क्षतिग्रस्त हुआ, जिसके दोषी इंजीनियरों को निलंबित किया गया, तो बांध बनाने वाली कम्पनी सारथी कंस्ट्रक्शन को भी ब्लैक लिस्टेड किया गया। हालांकि अब क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत का काम इसी ब्लैक लिस्टेड कम्पनी को ही सौंपने का निर्णय लिया गया है। दूसरी तरफ प्रदेश के 27 प्रमुख बांधों के जीर्णोद्धार का प्रोजेक्ट बनाया गया, जिसमें विश्व बैंक से लोन लेकर 550 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
कारम बांध हादसे से घबराई प्रदेश सरकार ने अब सभी पुराने बांधों की सुध लेने का निर्णय लिया है। कई बांध चूंकि वर्षों पुराने हैं। लिहाजा उनका दुरुस्तीकरण, रीनोवेशन का काम भी किया जाएगा, ताकि इन बांधों को मजबूती मिल सके। इसके लिए विश्व बैंक से 550 करोड़ रुपए का लोन लिया जा रहा है। हालांकि दो साल पहले भी इन बांधों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया था, मगर कोरोना और अन्य कारणों से यह कार्य नहीं हो पाया।
मगर अब कारम बांध के चलते इन सभी 27 बांधों की मजबूती की चिंता सताने लगी है। इन बांधों में गांधी सागर, गाडगिल सागर, सुक्ता डैम, रतलाम बैराज, चोरल, देपालपुर, राजगढ़, सागर, केरवा, कालियासोत, हाताखेड़ा, डोकरीखेड़ा, चंदौरा डैम के साथ-साथ मुलताई, कटनी का बहौरीबंध और मातियारी के साथ-साथ सिंगरोली जिले का कचान डैम भी शामिल है। यही भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने पर सारथी कंस्ट्रक्शन को ब्लैड लिस्टेड कर दिया था। अब इसके निर्माण को पूरा करने के साथ क्षतिग्रस्त हिस्से की जिम्मेदारी भी इसी ठेकेदार फर्म को सौंपी गई है।
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