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    स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में उद्योगों के लिए कम पड़ गई 262 हेक्टेयर जमीन

  • December 14, 2021

    इंदौर। (प्रदीप मिश्रा) अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Level) का देश का पहला स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क (Smart Industrial Park) उद्योग लगाने वाली कंपनियों के लिए पहली पसंद साबित हुआ है। यहां उद्योग लगाने के लिए जमीन (Land) की इतनी ज्यादा डिमांड है कि जो जमीन आवास और कमर्शियल सेंटर बनाने के लिए सुरक्षित रखी गई थी अब उसका लैंड यूज (Land Use) बदलकर उसे उद्योगों के लिए आवंटित करना पड़ रहा है।


    नेशनल ऑटो टेस्टिंग सेंटर (Industries, National Auto Testing Center) के पास 478 हेक्टेयर, यानी लगभग 1200 एकड़ जमीन पर मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (Madhya Pradesh Industrial Development Corporation) बनाम एकेवीएन (AKVN) ने स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क (Smart Industrial Park)  का निर्माण किया है। 478 हेक्टेयर जमीन में से 262 हेक्टेयर पर एकेवीएन ने उद्योग लगाने के लिए 90 भूखंड बनाए हैं। इन भूखंडों में कई एकड़ के मेगा इंडस्ट्रियल प्लॉट शामिल हैं। इसके अलावा बाकी बची जमीन को आवास व कमर्शियल निर्माण के लिए सुरक्षित रखा गया है, लेकिन यहां उद्योग लगाने के लिए देश-विदेश की कंपनियों में ऐसी होड़ लगी है कि 262 हेक्टेयर के अलावा अब आवास के लिए सुरक्षित जमीन उद्योगों को देना पड़ रही है।


    स्कूल, अस्पताल, पेट्रोल पंप और शॉपिंग सेंटर के लिए भी जमीन
    स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क (Smart Industrial Park)  उद्योगपतियों की पहली पसंद इसलिए साबित हो रहा है, क्योंकि इसे अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के हिसाब से बनाया गया है। यहां उद्योगों के अलावा स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग सेंटर ही नहीं, बल्कि पेट्रोल पंप के लिए भी जगह सुरक्षित रखी गई है। इसके अलावा यहां 24 घंटे नर्मदा के पानी की सुविधा के अलावा लगभग 5 एकड़ का छोटा तालाब भी है। पर्यावरण के लिए लगभग 1 लाख पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं।


    कर्मचारियों के फ्लैट बनना थे
    एकेवीएन (AKVN)  ने जो जमीन उद्योगों को दी है, इस 273598.42 वर्गमीटर आवासीय जमीन पर इंडस्ट्री प्लांटों में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों के लिए क्वार्टर व फ्लैट बनना थे। यह देश का पहला ऐसा इंडस्ट्रियल पार्क (Industrial Park) है, जहां उद्योगों के अलावा आवासीय व कामर्शियल भूखंड तैयार किए गए हैं। जितनी जमीन आवास के लिए सुरक्षित रखी गई थी, उसमें से लगभग 50 प्रतिशत जमीन उद्योगों को दी जा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी जितनी जमीन है वह आवासीय व कमर्शियल निर्माण के लिए पर्याप्त है।

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