• img-fluid

    185 गोशालाओं में 20-20 रुपए में पल रही हैं 26 हजार गायें

  • March 05, 2022

    ऐसा है भाजपा की सरकार का गो प्रेम… इंसानों के लिए ढेरों योजनाएं… मूक प्राणियों के लिए भूसा तक नहीं
    इंदौर।  भोपाल (Bhopal) के बाद इंदौर के पेडमी (Pedmi) की गोशाला (Gaushala) में गायों की मौत के बाद एक दिन हलचल रही और दूसरे दिन जांच-पड़ताल (Investigation) की खानापूर्ति के बाद खामोशी छा गई। लेकिन हकीकत यह है कि इंदौर संभाग (Indore Division) की 185 गोशालाओं (Gaushalas) में 26 हजार से अधिक गायें (Cows) भूखों मर रही हैं। जिंदा रहकर मौत से संघर्ष कर रही हैं। यहां की 59 सरकारी गोशालाओं में 3531 गायें जहां भगवान भरोसे हैं, वहीं 126 प्राइवेट गोशाला (Private Gaushala) में 22 हजार 578 गायें भक्तों के भरोसे पल रही हैं। इन गायों के पालने के लिए सरकार मात्र 20 रुपए देती है, जबकि एक दिन के भूसे पर ही 100 रुपए से ज्यादा खर्च हो जाता है। 40 से 50 रुपया गोशालाओं (Gaushalas)  के संचालन, पानी की व्यवस्था आदि में लग जाता है।


    सरकार केवल गोशालाएं बनाती हैे, संचालन निजी संस्थाओं से कराती है
    सरकार (Government) द्वारा सिर्फ गोशाला (Gaushala) बनाई जाती है। गोशाला के निर्माण के पश्चात उसे चलाने की जिम्मेदारी एनजीओ ट्रस्ट (NGO Trust) व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को सौंप दी जाती है। स्वयंसेवी संस्था (Self-Service Institutions), एनजीओ ट्रस्ट या अन्य समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी सोचते हैं कि सरकार ने निर्माण किया है तो गायों के लालन-पालन का खर्च भी उठाएगी, इसलिए कुछ माह तक गायों की अच्छे से देखभाल करते हैं, लेकिन जब सरकार द्वारा गाय के हिसाब से बजट ज्यादा नहीं दिया जाता तो वे भी हाथ ऊंचे कर देते हैं।


    भूसे के भाव 900 से 1000 रुपए क्विंटल
    सीजन में भले ही भूसे का भाव 450 रुपए से लेकर 550 रुपए क्विंटल रहता है, लेकिन वर्तमान में भूसा 900 से लेकर 1000 रुपए क्विंटल बिक रहा है। एक गाय दिनभर में कम से कम 5 से 7 किलो भूसा खाती है। इस मान से 50 से 70 रुपए तो केवल भूसे का ही खर्च हो जाता है। इसके अलावा चारा, दाना और पोषण आहार की व्यवस्था भी करना होती है। गोशाला (Gaushala)  की लाइट, पानी, साफ-सफाई और लेबर का खर्च भी अलग से है। कुल मिलाकर एक गाय पर 1 दिन का खर्च कम से कम 80 से 100 रुपए है, जबकि सरकार मात्र 20 रुपए देती है। इस मान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोशाला में गायों की रखवाली किस तरह से की जा रही है।


    पेडमी स्थित गोशाला (Gaushala) को दो साल में मिला मात्र 14 लाख रुपए का अनुदान, जबकि खर्च 10 गुना से अधिक
    पेडमी स्थित गौशाला को लेकर जो हल्ला मचा है उसमें अग्निबाण ने कल ही खुलासा किया था कि 15 महीने से अनुदान नहीं मिला। मात्र 20 रुपए प्रति गाय रोजाना के मान से पिछले दो साल में मात्र 14 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है, जबकि खर्चा 10 गुना से अधिक है। 2020 में लगभग 10 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ, तो 2021 में दो मर्तबा अनुदान की राशि मिली। एक अनुदान 17.08.2021 को 2 लाख 175 रुपए का मिला, तो दूसरा अनुदान 09.12.2021 को 1 लाख 93 हजार 985 रुपए का प्राप्त हुआ। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने पेडमी गौशाला की जांच का जिम्मा एसडीएम प्रतुल्ल सिन्हा को सौंपा है, जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर सौंप दी है, जिसके आधार पर अब प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी।


    हर गोशाला में हैं बूढ़ी, बीमार गायें
    इंदौर संभाग (Indore Division) की सरकारी और प्राइवेट गोशालाओं की बारीकी से जांच-पड़ताल (Investigation) की जाए तो बड़ी संख्या में बूढ़ी, उम्रदराज व बीमार गायें मिलेंगी, जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है। सरकारी विभाग द्वारा भी समय-समय पर टीकाकरण कर कागजी आंकड़े की पूर्ति कर ली जाती है।

    Share:

    Shane Warne Death: काली पट्टी बांधकर उतरी टीम इंडिया, दो मिनट का रखा मौन, शेन वॉर्न को दी श्रद्धांजलि

    Sat Mar 5 , 2022
    नई दिल्ली। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न का निधन हो चुका है। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच का दूसरा दिन शुरू होने से पहले दोनों टीमों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। खेल शुरू होने से पहले दो मिनट का मौन रखा गया और भारतीय-श्रीलंका के खिलाड़ी हाथ में काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे। 52 साल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved