इंदौर। डिजिटल अरेस्ट के मामले में अब पुलिस तुरंत कार्रवाई कर खाताधारकों को दबोच रही है। दो माह में डिजिटल अरेस्ट के आधा दर्जन मामलों में क्राइम ब्रांच ने 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खाते में ठगी का पैसा गया था। शहर में अब तक डिजिटल अरेस्ट के 35 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें साइबर ठगोरों ने सीबीआई, ईडी, पार्सल में ड्रग्स, नारकोटिक्स, मुंबई और दिल्ली क्राइम ब्रांच सहित कई जांच एजेंसियों के नाम पर लोगों को धमकाया और उनको डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों रुपए ट्रांसफर करवा लिए। हालांकि पिछले दो माह से इंदौर क्राइम ब्रांच गिरोह तक पहुंचने के लिए खाताधारकों पर लगातार कार्रवाई कर रही है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला से 12 लाख, सीनियर सिटीजन से 40 लाख, सीनियर सिटीजन रिटायर्ड अधिकारी से 46 लाख, उद्योगपति की बहू से 1 करोड़ 60 लाख, फर्नीचर व्यापारी से 2 लाख और सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 1 लाख 35 हजार रुपए ठगने के मामले में लगातार खाताधारकों को पकड़ा गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच कर लगभग एक दर्जन राज्यों से किराए पर बैंक खाता देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यूपी, बिहार, मैहर, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान सहित कई राज्यों में साइबर ठगों का जाल फैल चुका है। कुछ दिन पहले विजयनगर पुलिस ने भी ऐसे ही खाते किराए पर देने वाले गिरोह के आठ लोगों को पकड़ा है। इन लोगों ने सौ से अधिक खाते कमीशन पर बेचे थे। इसके अलावा क्राइम ब्रांच इसके पहले भी आधा दर्जन मामलों में साइबर ठगों को पकड़ चुकी है। 35 मामलों में से आधे मामलों में पुलिस खाताधारकों तक पहुंची है। कई मामलों में खाते ब्लॉक करवाकर पुलिस ठगी के शिकार लोगों के लाखों रुपए वापस भी करवा चुकी है। हालांकि किसी भी मामले में पुलिस प्रमुख आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved