मुम्बई। 26/11 मुंबई आतंकी हमले (26/11 Mumbai terrorist attacks) में भूमिका निभाने वाले कनाडाई-पाकिस्तानी नागरिक (Canadian-Pakistani citizen) तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के प्रत्यर्पण की कोशिशों में भारत जुटा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार (Government of India) ने उसे अमेरिका (America) की ओर से सौंपे जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि राणा को दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तक प्रत्यर्पित किया जा सकता है। दोनों देशों की केंद्रीय जांच एजेंसियों (Central investigating agencies) और कानूनी विभागों के अधिकारियों के बीच बीते दिनों दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में इस संबंध में बैठक हुई। बताया जा रहा है कि मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली, जहां राणा के प्रत्यर्पण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। एक सूत्र ने बताया, ‘बातचीत का फोकस इस बात पर रहा कि प्रत्यर्पण की सुविधा के लिए भारत सरकार को क्या तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए किस तरह के साजो-सामान की जरूरत होगी। साथ ही, राणा के आने पर उसकी जेल में किस तरह की व्यवस्था की जाएगी।’
बीते दिनों अमेरिका की एक अदालत ने तहव्वुर राणा को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया कि उसे प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। यूएस की नाइंथ सर्किट संबंधित अपीलीय अदाल ने 15 अगस्त को सुनाए अपने फैसले में कहा, ‘भारत अमेरिका प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है।’ 63 वर्षीय राणा ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ इस अपीलीय अदालत में याचिका दायर की थी। कैलिफोर्निया की जिला अदालत ने उसकी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार कर दिया था। इसमें मुंबई में आतंकवादी हमलों में राणा की संलिप्तता के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी।
लॉस एंजलिस की जेल में बंद है राणा
तहव्वुर राणा के पास मौजूदा फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। उसके पास अब भी भारत को प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए कानूनी विकल्प बंद नहीं हुए हैं। राणा के पास सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रत्यर्पण फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 45 दिनों का समय है। बता दें कि राणा फिलहाल लॉस एंजलिस की एक जेल में बंद है। वह 26/11 के मुंबई हमले में अपनी भूमिका को लेकर आरोपों का सामना कर रहा है। बताया जाता है कि उसका संबंध लश्कर-ए-तैयबा में पाकिस्तान मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से है। हेडली 2008 में मुंबई में 26 नवंबर को हुए हमले के मुख्य साजिशकर्ताताओं में एक था। इन आतंकवादी हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की जान गई थी।
तहव्वुर राणा की 26/11 हमले में क्या रही भूमिका
पाकिस्तानी नागरिक राणा पर अमेरिका की जिला अदालत में मुंबई में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले करने वाले आतंकवादी संगठन को समर्थन देने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था। जूरी ने राणा को विदेशी आतंकी संगठन को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश में सहायता प्रदान करने की षड्यंत्र रचने का दोषी ठहराया था। हालांकि, इस जूरी ने भारत में हमलों से संबंधित आतंकवादी कृत्यों में सहायता प्रदान करने की साजिश रचने के आरोप से राणा को बरी कर दिया था। राणा को जिन आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था, उसने उनके लिए 7 साल जेल में काटे और उसकी रिहाई के बाद भारत ने मुंबई हमलों में उसकी संलिप्तता के मामले में उस पर मुकदमा चलाने के लिए उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था।
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