नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों (Mumbai terrorist attacks) के सूत्रधार साजिद मीर (Sajid Mir) को हिरासत में लिया है। इससे पहले कुख्तात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने एफबीआई की ओर से मोस्ट वांटेड घोषित साजिद की मौत होने का दावा किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक एफएटीएफ (FATF) की ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान ने मीर को सजा दिलाने का नाटक किया है।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई के एक अधिकारी ने बताया है कि मीर पाकिस्तान में जिंदा है, हिरासत में है और उसे सजा सुनाई गई है। मीर को मोस्ट वांटेड सूची में शामिल करते हुए एफबीआई ने 2011 में उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था। अमेरिका और भारत दोनों ही एक दशक से उसे खोज रहे हैं। लश्कर सरगना हाफिज सईद के करीब साजिद को मुंबई हमले की योजना बनाने वाले डेविड कोलमैन हेडली और अन्य आतंकवादियों का हैंडलर माना जाता है।
पाकिस्तान का असल मंसूबा
पाकिस्तान साजिद मीर की गिरफ्तारी से दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहा है। इस गिरफ्तारी को एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकलने की प्लानिंग कहा जा रहा है। पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल है। इस बार जर्मनी में हुई बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान का जमीनी परीक्षण करने के बाद उसे ग्रे सूची से बाहर करने का फैसला करेगी। ऐसे में पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ खुलकर काम कर रहा है।
लखवी का सुरक्षा प्रमुख था साजिद
साजिद मीर 2010 तक लश्कर-ए-ताइबा के ऑपरेशन चीफ जकी-उर-रहमान लखवी की सुरक्षा का जिम्मा संभालता था। वह विदेश में न सिर्फ आतंकियों को रिक्रूट करता था बल्कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर चलाता था। वह आईएसआई के इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेशन का भी हिस्सा था, जिसे कराची प्रोजेक्ट कहा जाता था।
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