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    1110 करोड़ में विकसित होगा 255 एकड़ का मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क, 45 साल का ठेका

  • June 20, 2023

    • डेवलपर फर्म के साथ एमपीआईडीसी ने साइन किए अनुबंध, तीन चरणों में होगा विकास… 13 मिलियन मैट्रिक टन कार्गो की क्षमता होगी पूरी

    इंदौर। आने वाले दो सालों में 255 एकड़ में बनने वाला मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क पूरी तरह से विकसित हो जाएगा और इंदौर लॉजिस्टिक हब के रूप में भी जाना जाएगा। कल इस पार्क को विकसित करने, संचालन, संधारण की जिम्मेदारी एक निजी डेवलपर फर्म को पीपीपी मॉडल पर सौंपी गई है। 45 साल का ठेका उक्त फर्म को सौंपा गया है। एमपीआईडीसी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीआर लॉजिस्टिक पार्क प्रा.लि. का दावा है कि 2025 से वाणिज्यिक संचालन शुरू होने के बाद ठेका अवधि तक लगभग 13 मिलियन मैट्रिक टन कार्गो के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा। तीन चरणों में पार्क को विकसित किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 1110 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है।

    पिछले दिनों ही इस पार्क के लिए इंदौर एमएमएलपी प्रा.लि. के नाम से जॉइंट वेंचर कम्पनी का गठन भी किया गया। दरअसल भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में ऐसे 25 लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से एक पीथमपुर में तैयार हो रहा है, जिसके लिए 255 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इसके लिए डीबीएफओटी मॉडल के तहत निजी फर्म को इसकी डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन, फाइनेंस, संचालन, संधारण से लेकर अन्य जिम्मेदारी दी गई है। कल डेवलपर फर्म के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। प्रमुख सचिव मनीष सिंह तथा अन्य डायरेक्टर आशीष जैन और जीआर इन्फ्रा के नायर के बीच समझौता हस्ताक्षर हुए। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक प्रतुल्ल सिन्हा ने बताया कि एमएमएलपी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। एमएमएलपी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा।


    चरण-वन को पूरा करने का लक्ष्य 2 साल है, यानी 2025 तक वाणिज्यिक संचालन होगा। एमएमएलपी 45 वर्षों की क्षितिज अवधि में 12.79 मिलियन मैट्रिक टन ै(एमएमटी) कार्गो को पूरा करेगा और इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, पीथमपुर, खंडवा और बड़वानी जैसे जलग्रहण क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्रों को भारी बढ़ावा देगा। यह रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा करेगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास लाएगा। लॉजिस्टिक्स एफिशिएंसी एनहांसमेंट प्रोग्राम स्टडी (एलईईपी) के परिणाम के रूप में अन्य संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में एमओआरटीएच भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में 35 रणनीतिक स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित कर रहे हैं। एमएमएलपी विकसित देशों के बराबर जीडीपी के प्रतिशत के रूप में रसद लागत को कम करने के लिए एक प्रमुख समाधान विषय है।

    मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) एक एकीकृत सुविधा है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के परिवहन के लिए लॉजिस्टिक्स और माल के वितरण से संबंधित सभी गतिविधियों को परिवहन के कई तरीकों से किया जा सकता है। एमएमएलपीएस सडक़ से रेल और इसके विपरीत एक निर्बाध मॉडल शिफ्ट को सक्षम करके परिवहन लागत को कम करते हैं, आधुनिक और मशीनीकृत हैंडलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सर्वश्रेष्ठ की उपस्थिति के कारण कम हैंडलिंग लागत, कंटेनर यार्ड, गोदामों, साइलो के सह-स्थान द्वारा द्वितीयक माल ढुलाई लागत को कम करते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही तीन सरकारी कम्पनियों के बीच इस पार्क के लिए गठबंधन भी हुआ, जिसमें नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट नई दिल्ली के साथ मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड और रेल विकास निगम लिमिटेड की हिस्सेदारी रहेगी, जिसमें सबसे बड़ी शेयर होल्डिंग नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक की 50.84 प्रतिशत, एमपीआईडीसी की 27 और आरवीएनएल की 22.16 प्रतिशत रहेगी। आने वाले दो-तीन वर्षों में इंदौर लॉजिस्टिक हब भी बन जाएगा और पीथमपुर से मुंबई पोर्ट सहित अन्य बड़े शहरों की दूरी तो घटेगी ही, वहीं ढुलाई भी सस्ती पड़ेगी।

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