पहला चरण अगले साल होगा पूरा, जमीन अधिग्रहण में समस्या, सुप्रीम कोर्ट ने एक समान मुआवजा के दिए निर्देश
इंदौर। केंद्र की मोदी सरकार (modi government) ने अपने बजट (Budget) में पीथमपुर (Pithampur) में आने वाले मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क (Logistics Park) के लिए इस साल 60 करोड़ (60 crore) रुपए की राशि मंजूर की है। 255 एकड़ (255 acre) में विकसित होने वाले इस पार्क का तीन चरणों में विकास किया जाना है। पहला चरण अगले साल पूरा होगा, जिसकी लागत पौने 300 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है। जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों के कारण विकास कार्य शुरू नहीं हो सके, क्योंकि किसानों द्वारा इस जमीन अधिग्रहण का लगातार विरोध भी किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की गति शक्ति योजना के तहत देश में कुछ इस तरह के लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से एक पार्क पीथमपुर में 255 एकड़ पर विकसित होना है। इसके लिए तीन सरकारी कंपनियों का गठन भी किया गया है, जो इंदौर एमएमएलपी प्रालि के नाम से ज्वाइंट वेंचर कंपनी है, जिसमें नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट नई दिल्ली के साथ मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और रेल विकास निगम लिमिटेड की हिस्सेदारी रहेगी। इस लॉजिस्टिक पार्क से इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर को भी फायदा होगा और टीही में बने रेल कंटेनर डिपो से अधिक माल भी भेजा जा सकेगा। भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में ऐसे 25 लॉजिस्टिक पार्क तैयार किए जा रहे हैं, जो डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर मॉडल पर रहेंगे। इस पार्क में विशाल कंटेनर डिपो, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, आयरन स्टील यार्ड, ग्रेन स्टोरेज के साथ ही एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के ऑफिस भी रहेंगे। यह पार्क इंदौर से बेटमा के बीच बन रहा है। जमीन अधिग्रहण को लेकर अवश्य कुछ समस्याएं आ रही हैं। वहीं पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी एक गांव की जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने के निर्देश भी दिए और आसपास के गांव के बराबर ही मुआवजा राशि देने को कहा। इस लॉजिस्टिक पार्क के बनने से जहां रेल कंटेनरों के जरिए 70 फीसदी माल का परिवहन होगा तो पीथमपुर से मुंबई पोर्ट की दूरी भी 40 किलोमीटर घट जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved