इंदौर। शहर में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू होने के बाद से ही अब तक पांच चौराहों के ही करोड़ों के चालान बन चुके हैं, लेकिन ऑनलाइन भुगतान संबंधी समस्याओं के चलते भरने वालों का आंकड़ा बेहद कम है। यातायात विभाग ने निगम, स्मार्ट सिटी के साथ होने वाली बैठक में भुगतान संबंधी समस्या के करीब 11 बिंदु रखे हैं, जो एनआईसी को भी बताए गए हैं।
आईटीएमएस से फिलहाल पांच चौराहों एलआईजी, स्कीम नंबर 78, सत्यसांई चौराहा, रसोमा चौराहा और इंदिरा प्रतिमा पर लगे कैमरों से चालान भेजे जा रहे हैं। कई अन्य चौराहों पर लगे कैमरों को भी सिस्टम के साथ जोडऩे का काम तेजी से किया जा रहा है। विभाग के अनुसार 50 चौराहों पर ये सिस्टम काम करेगा, लेकिन फिलहाल जिन चौराहों के हर दिन हजारों की संख्या में चालान बन रहे हैं, वे ऑनलाइन भुगतान संबंधी समस्या के कारण भरे बेहद कम संख्या में जा रहे हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल हर दिन नियम तोडऩे पर औसतन ढाई से तीन हजार चालान बनाए और भेजे जा रहे हैं, लेकिन इन्हें भरने वालों की संख्या मात्र एक फीसदी है, जिसके कारण आरएलवीडी के चालानों के साथ ही अब आईटीएमएस के चालानों की पेंडेंसी भी बढ़ती जा रही है।
युवा चाहते हैं ऑनलाइन सिस्टम हो सही
शहर के कई युवाओं के पास जब ये चालान और उसके बाद भुगतान की लिंक पहुंच रही है तो वे चाहकर भी इसे ऑनलाइन नहीं भर पा रहे हैं। ऐसे में ये हो रहा है कि वो वर्चुअल कोर्ट में शिफ्ट हो रहे हैं और चालानी राशि भी बढ़ रही है। युवाओं का कहना है कि हम चालान भरने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऑनलाइन भुगतान संबंधी समस्या को संबंधित विभाग को जल्द ठीक करना चाहिए। हमें चालानी राशि भरने के लिए एमटीएच थाना, यानी शहर के मध्य में आना होता है। वहां भी ऑनलाइन पेमेंट की कोई सुविधा नहीं है। हमसे कैश मांगा जाता है। अन्य वाहन चालक भी इसी परेशानी से जूझ रहे हैं।
आईटीएमएस के चालान भरने में आ रही ये समस्या
नगर निगम और एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर) को यातायात विभाग ने आईटीएमएस के चालान भरने में आ रही जो परेशानी बताई है, उसमें बताया गया है कि चालान का भुगतान लिंक द्वारा ई-चालान पोर्टल के माध्यम से करने पर वाहन चालक के खाते से राशि कट जाने के बावजूद ई-चालान पोर्टल पर पेंडिंग दिखाई देता है। साथ ही ये प्रक्रिया जटिल भी है। अगर ये भुगतान पीओएस मशीन द्वारा यूपीआई ऑप्शन से किया जाए, तब भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कई वाहन मालिक ये समस्या लेकर यातायात पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। कई बार सॉफ्टवेयर के धीमे चलने के कारण भुगतान पेंडिंग हो रहा है।
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