इंदौर (Indore)। देश के सबसे साफ-स्वच्छ शहर इंदौर से लगभग 12 किलोमीटर दूर रालामंडल अभयारण्य में चलाए गए सफाई अभियान के अंतर्गत लगभग 250 किलो प्लास्टिक और पॉलिथीन सहित अन्य अपशिष्ट सामग्री पाई गई। रालामंडल अभयारण्य के फारेस्ट रेंजर योगेश यादव ने बताया कि तमाम हिदायत अथवा समझाइश के बावजूद लोग प्लास्टिक पॉलिथीन का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते हंै। इससे साबित होता है कि जंगल में आने वाला हर पर्यटक पर्यावरणप्रेमी नहीं होता। लगभग 5 वर्ग किलोमीटर में फैले रालामंडल में 1 सप्ताह तक चलाए गए सफाई अभियान के दौरान वनरक्षकों की टीम ने प्लास्टिक कचरे का संग्रह किया, जिसे बाद में वन विभाग ने खुद ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया।
फारेस्ट रेंजर यादव के मुताबिक रालामंडल अभयारण्य इलाके को प्लास्टिक कचरे के अलावा पास के गांव तिल्लौर के कचरे से भी जूझना पड़ता है। यहां के कुछ लोग रात में अपने यहां का कचरा और गंदगी पुलिया के पास डाल जाते हैं, जो उडक़र अभयारण्य के इलाके में आ जाता है। इस कारण यहां आसपास बदबू फैलती है। इस कचरे को उठाने के लिए संबंधित विभागों को कई फोन करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती। अंतत: वन विभाग को ही यह कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाना पड़ता है।
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