उज्जैन। कोरोना महामारी के कारण तमाम बंदिशों के बीच कल महाकाल मंदिर में एकाएक व्यवस्थाएँ खराब हो गई और आम लोगों की भीड़ ने अंदर जाने के लिए बेरिकेट्स तोड़ दिए तथा आधा दर्जन दर्शनार्थी गिर पड़े और पुलिस को भी भीड़ का शिकार होना पड़ा..यह अच्छी बात रही कि कोई घटना नहीं हुई लेकिन श्रावण के पहले सोमवार से जिला प्रशासन को दो-तीन सबक लेने की आवश्यकता है..पहली बात तो यह कि भीड़ प्रबंधन किया जाए और एक सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाए, वहीं दूसरी महत्वपूर्ण बात कि श्रावण सोमवार पर नेताओं और अधिकारियों को वीआईपी दर्शन न कराए जाए तथा उन्हें स्पष्ट कहा जाए कि वह सोमवार को न आए, क्योंकि इससे पुलिस सुरक्षा एवं व्यवस्था जमाने वाली एजेंसियों का ध्यान भटक जाता है और वे वीआईपी ड्यूटी में लग जाता है। वीआईपी दर्शनों के कारण ही 25 साल पहले 26 जुलाई 1996 में भगदड़ में 30 से अधिक लोग मर गए थे..।
कल श्रावण का पहला सोमवार था और कोरोना गाइडलाइन के बावजूद इतने श्रद्धालु आ गए कि प्रशासन को व्यवस्था संभालना भारी पड़ा। कल दिनभर दर्शन के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा। सुबह श्रद्धालुओं ने बेरीकैट गिराकर दर्शन किए तो शाम को भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस को मजबूरी में दर्शन खोलना पड़े और किसी प्रकार की किसी भी श्रद्धालुओं की कोई चेकिंग नहीं हुई। कल महाकाल के दर्शन के लिए 1 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुँच गए, इनमें मध्य प्रदेश से सटे सभी प्रदेशों के श्रद्धालु और दूरदराज के इलाकों के श्रद्धालु भी आए थे। सुबह वीआईपी आगमन के दौरान दर्शन रोके गए। इस दौरान श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने बेरीकेट गिरा दिए थे। बाद में दर्शन बंद कर दिए गए और शाम 4 बजे सवारी निकाली गई। इस दौरान भी महाकाल मंदिर के दर्शन बंद रखे गए, जब महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर पहुँची इसके बाद बड़े गणेश से लेकर भस्म आरती गेट के आगे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई। इस भीड़ को कैसे तितर-बितर किया जाए इसकी कोई योजना पुलिस के पास नहीं थी। मजबूरी में पुलिस ने इन सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए भस्म आरती गेट से प्रवेश दिया, तब जाकर 2 घंटे में वहाँ भीड़ खत्म हुई। इस दौरान दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं से ना तो उनके प्रदेश के बारे में पूछा जा रहा था और ना ही वैक्सीनेशन के बारे में। सीधे प्रवेश दिया जा रहा था। ऐसे में महाराष्ट्र में जब डेल्टा वेरिएंट फैला हुआ है, उज्जैन में भी फैलने की संभावना है। इसको देखते हुए आगामी सोमवार को बाहरी श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं देना चाहिए नहीं तो उज्जैन को फिर से कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का सामना करना पड़ेगा। श्रद्धालुओं को कल दर्शन के दौरान बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। समस्तीपुर बिहार से आई महिला सरला ने बताया दर्शन के लिए मैं मंदिर में दिन में गई थी, इस दौरान मैं गिर गई और मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ गया, जैसे-तैसे मैं उठी तब तक लाइन आगे जा चुकी थी। मुझे फिर से आधा किलोमीटर आगे से लाइन में लगना पड़ा। व्यवस्था ठीक नहीं थी, वहीं अन्य श्रद्धालु कानपुर के राम सिंह ने बताया पहले तो हमें दर्शन ही नहीं करने दिए गए और जैसे-तैसे हम लाइन में लगे तो काफी धक्का-मुक्की हुई जिससे हमारी श्रद्धा आहत हुई है। कल महाकाल मंदिर से सवारी निकली तो पूरे मार्ग पर श्रद्धालु जिसे जहाँ जगह मिली वहाँ खड़े हो गए और जय महाकाल के नारे लगाते हुए दर्शन कर रहे थे। कोई छत पर खड़ा था तो कोई दीवार की मुंडेर पर और कोई पार्किंग की बाउंड्री वॉल पर बस एक टक बाबा की छवि को सब निहार रहे थे। सवारी जैसे ही रामानुज कोट से हरसिद्धि की पाल पर चल रही थी उस दौरान रामघाट मार्ग के पान दरीबा जाने वाले मार्ग पर बेरीकेट के पास बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हो गए थे, जो कभी भी बैरिकेट्ड गिरा देते वहाँ करीब 15 से 20 पुलिस वालों को मशक्कत करना पड़ी। तब जाकर पब्लिक रुकी, इसके बाद हरसिद्धि की पाल पर सामने की ओर जो पार्किंग वाला उद्यान बनाया गया है, वहाँ 500 से अधिक श्रद्धालु जमा थे। जब सवारी वहाँ पहुँची तो यह सभी श्रद्धालु बाउंड्री वॉल पर खड़े हो गए और जय महाकाल का नारा लगाने लग गए। इसके बाद हरसिद्धि पर तो दो-चार श्रद्धालु अंदर घुस आए जिन्हें पुलिस ने धक्का देकर बाहर किया। बाद में जब सवारी प्रवचन हाल की ओर जा रही थी उसी दौरान पालकी के पीछे बेरीकेट के बाहर करीब 500 से ज्यादा संख्या में श्रद्धालु जमा हो गए और पालकी के पीछे-पीछे भाग रहे थे। इनको हटाने में भी पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी। इसके बाद ही महाकाल की सवारी मंदिर में प्रवेश कर पाई।
कलेक्टर ने कहा अगली सवारी से भीड़ इक_ी नहीं होने देंगे
कल सोमवार को भगदड़ जैसी स्थिति मचने के बाद और सवारी में पब्लिक के आने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट कहा है कि सवारी के दौरान वे लोगों से अपील करेंगे कि वे घरों से ही दर्शन करें और पिछले वर्ष की तरह भीड़ इक_ी न करें तथा सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जाएगा। मंदिर में भी सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने पर ध्यान दिया जाएगा। आपने कहा कि कल अधिक संख्या में लोगों को छोड़े जाने के कारण कुछ जगह भीड़ इक_ा हो गई थी जिस पर ध्यान देते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने सवारी के दौरान लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाईन दर्शन करें।
कल भीड़ का फायदा उठाया वास्ना के भूखे भेडिय़ों ने
कल भारी भीड़ होने के कारण धक्का-मुक्की हो गई थी और एक समय तो ऐसा आया जब मंदिर में घुसने को लेकर दबाव पड़ा तो कुछ महिलाएँ गिर गई और भीड़ के बीच में नई उम्र की लड़कियाँ फंस गई थी, बताया जा रहा है कि उनके साथ छेड़छाड़ भी हुई और शरीर को गलत तरीके से दबाया गया लेकिन किसी ने रिपोर्ट नहीं लिखाई..ऐसे मेंसवाल उठ रहा है कि क्या मंदिर परिसर में ही महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होगी। आने वाले सोमवार से यह प्रयास किया जाना चाहिए कि महिलाओं को एक निश्चित दूरी बनाकर लाईन में लगाया जाए।
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