इंदौर। इंदौर पंजीयन विभाग (Indore Registration Department) के लिए पिछला वर्ष कमाई के मामले में भाग्यशाली तो रहा ही, वहीं नए साल में भी खूब रजिस्ट्री हो रही है। सिर्फ दो माह में ही रजिस्ट्री से पंजीयन विभाग (Indore Registration Department) के खजाने में ढाई सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई है। उपमहानिरीक्षक बालकृष्ण मोरे ने बताया कि इंदौर शहर के मोती तबेला, एमओजी लाइन, ढक्कनवाला कुआं, प्रेस काम्प्लेक्स और ग्रामीण क्षेत्र महू, सांवेर और देपालपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में 1 से लेकर 31 मई तक कुल 12 हजार 200 रजिस्ट्री हुई हंै, जिसके एवज में स्टाम्प व पंजीयन शुल्क से खजाने में 130 करोड़ रुपए की आय हुई है, वहीं अप्रैल माह में 11 हजार रजिस्ट्री के एवज में 120 करोड़ रुपए पंजीयन और स्टाम्प शुल्क से खजाने में आए थे, जबकि पिछले वर्ष अप्रैल माह में मात्र 44 करोड़ रुपए ही खजाने में आए थे और 4500 के लगभग रजिस्ट्री हुई थीं।
वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से 235 करोड़ अधिक की हुई थी आमदनी
पंजीयन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक रजिस्ट्री एवं पंजीयन शुल्क से खजाने में 1835 करोड़ की आय हुई थी। इसमें सबसे ज्यादा रजिस्ट्री व पंजीयन शुल्क से कमाई मार्च, फरवरी, दिसंबर और जून माह में हुई है। दिसंबर माह में 171 करोड़ की हुई। इसके पहले जून माह में 170 करोड़ की आय हुई थी। फरवरी माह में 165 करोड़ तथा जनवरी माह में 135 करोड़ रुपए पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क से खजाने में आए हैं। इसी प्रकार मई में 30 करोड़, जुलाई में 163 करोड़, अगस्त में 151 करोड़, सितंबर में 144 करोड़, अक्टूबर में 140 करोड़ तथा नवंबर में 124 करोड़ की आय हुई थी। शासन द्वारा इंदौर जिले के रजिस्ट्रार कार्यालय को वर्ष 2022 का टारगेट 1600 करोड़ का दिया गया है, जिससे ज्यादा 235 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी।
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