धनबाद (Dhanbad) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ जिले के नाटाराम गांव की रहने वाली सोलो साइक्लिस्ट आशा (solo cyclist asha) 25 हजार किमी की यात्रा पर निकली हैं. उनका लक्ष्य देश के सभी 28 राज्यों तक पहुंचना है और महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण (women safety and empowerment) का संदेश देना है. अभी तक आशा 11 हजार किमी की दूरी तय कर चुकी हैं. अपने पड़ाव में आगे बढ़ते हुए आशा झारखंड राज्य के धनबाद पहुंची. यहां उनका स्वागत किया गया और कई प्रशासनिक अधिकारियों से उनकी मुलाकात हुई.
दरसअल, 24 साल की आशा मालवीय (Asha Malviya) ने 1 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) से सोलो साइक्लिस्ट के रूप में यात्रा शुरू की है. 15 अगस्त 2023 तक 25 हजार किमी का सफर तय कर नई दिल्ली पहुंचने का टारगेट है. आशा 11,100 किमी तक साइकिलिंग करते हुए बुधवार को झारखंड के धनबाद पहुंची. यहां पहुंच कर आशा ने उपायुक्त संदीप सिंह से मुलाकात की.
महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण का संदेश देना है उद्देश्य
उपायुक्त से बातचीत के दौरान आशा ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण है. भारत के 28 राज्यों में 25 हजार किलोमीटर की कुल यात्रा करने का दृढ़संकल्प है. अभी तक 11 राज्यो में 11,100 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी हैं. यात्रा के दौरान झारखंड 12वां राज्य और धनबाद झारखंड का अंतिम पड़ाव है. यहां से पश्चिम बंगाल के आसनसोल के लिए यात्रा शुरू करेंगी.
9 राज्यों के सीएम से की मुलाकात
उपायुक्त से यात्रा का अनुभव साझा करते हुए आशा ने कहा, ”अभी तक मध्य प्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखंड राज्य का सफर पूरा किया है. सफर के दौरान 9 राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, पांच राज्य के डीजीपी, 160 आईएएस, 160 आईपीएस से मुलाकात की. वहीं, विभिन्न क्लब और एनजीओ के साथ महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को लेकर 101 कार्यक्रम किए हैं.
हर रोज 100 से 300 किमी तक सफर
आशा ने बताया कि वह हर रोज 100 से लेकर 300 किमी तक का सफर साइकिल से तय करती हैं. आंध्र प्रदेश में एक दिन में 297 किलोमीटर और झारखंड में रांची से गिरिडीह तक की 202 किलोमीटर की यात्रा एक दिन में पूरी की है. आशा के महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य और आगे के सफर के लिए उपायुक्त ने जिला प्रशासन और जिलेवासियों की ओर से उनको शुभकामनाएं दीं.
बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर हैं आशा
आशा ने बताया कि वह राष्ट्रीय खिलाड़ी और पर्वतारोही (बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर) हैं. अभी सम्पूर्ण भारत की साइकिल यात्रा सोलो साइकिलिस्ट के रूप में कर रही हैं.
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