भोपाल। मिलावट से मुक्ति अभियान चलाने के बावजूद मिलावटखोरों की मनमानी जारी है। जिसका अंदाजा राज्य खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला द्वारा जारी खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने नवंबर 2020 से मई 2022 तक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक हजार 190 सैंपल यानी नमूने जब्त किए थे। भोपाल स्थित प्रयोगशाला से 875 सैंपल की रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 165 सैंपल जांच में फेल यानी अमानक पाए गए। जब्त सैंपल में दूध व दूध से बने उत्पादों के 25 फीसदी से ज्यादा नमूनों की रिपोर्ट गुणवत्ताहीन रही। कुल मिलाकर दूध, घी, मावा, पनीर व दूध से निर्मित अन्य उत्पादों में मिलावटखोरी नहीं थम रही है।
दूध समेत अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की जा रही है। जिसकी तुलना में शासकीय ठेका दुकानों पर बेची जाने वाली शराब की शुद्धता बरकरार है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने देशी व विदेशी शराब के चार सैंपल जब्त किए थे। राज्य स्तरीय प्रयोगशाला की रिपोर्ट में चारों सैंपल गुणवत्तापूर्ण मिले।
दर्ज कराई जा रही एफआईआर
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मिलावटखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उक्त अवधि में 43 मिलावटखोरों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। सात मिलावटखोरों के खिलाफ एनएसए वारंट जारी किया गया। 50 प्रतिष्ठानों को सील कर एक फैक्ट्री पर बुल्डोजर चलाया गया।
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