भोपाल। प्रदेश में खरीफ 2022 के लिए धान, मक्का, ज्वार, बाजारा, कोदो-कुटकी, उड़द, मूंग, तुअर, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल और कपास की कुल 25.9011 लाख क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई है। गत वर्ष 17.1344 लाख क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई थी। इस तरह गत वर्ष से खरीफ के लिए 8.7667 लाख क्विंटल अधिक मात्रा में बीज की उपलब्धता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उपार्जित मूंग तथा उड़द के उपयोग के संबंध में भी जानकारी ली। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता केसी गुप्ता और मार्कफेड के एमडी पी नरहरि उपस्थित थे।
प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता और उसके प्रदाय के संबंध में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। यूरिया, डीएपी, एनपीके, एसएसपी और एमओपी की एक अप्रैल 2022 से अब तक विक्रय और भंडारण की जानकारी दी गई। प्रदेश के सभी 52 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा भंडारण हुआ है। डीएपी बिक्री की पिछले वर्ष से तुलना करें तो प्रदेश के 49 जिलों में ज्यादा भंडारण व्यवस्था हुई है। इसी तरह एनपीके की बिक्री भी बीते वर्ष से अधिक हुई है। एसएसपी और यूरिया का भी तुलनात्मक रूप से ज्यादा मात्रा में भंडारण किया गया है।
निर्बाध आपूर्ति और सब्सिडी
प्रदेश में खाद और उर्वरक की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होने से खरीददारों को लाइन लगाकर खरीदारी करने और ब्लैक में खरीदने जैसी समस्याओं से मुक्ति मिली है। किसानों को सब्सिडी से सीधे राहत देने की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में भी जरूरी सब्सिडी के साथ उर्वरक की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
मूंग और उड़द उपार्जन
प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 4 लाख 03 हजार मीट्रिक टन मूंग और 27 हजार मीट्रिक टन उड़द के प्रस्तावित उपार्जन से संबंधित प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार ने मूंग के लिए 2 लाख 25 हजार 525 मीट्रिक टन और उड़द के लिए 21 हजार 400 मीट्रिक का उपार्जन लक्ष्य दिया है। प्रदेश में पिछले वर्ष 4 लाख 39 हजार 563 मीट्रिक टन मूंग की खरीदी 301 केन्द्रों से की गई। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के लक्ष्य से तीन गुना अधिक खरीदी की। कुल एक लाख 85 हजार किसानों से मूंग की खरीद की गई। अधिक उपार्जित मूंग के व्यवस्थित निस्तारण के प्रयास किए गए हैं। उपलब्ध 01 लाख 92 हजार 313 मीट्रिक टन मूंग में से 78 हजार 511 मीट्रिक टन मात्रा मध्यान्ह भोजन के लिए उचित मूल्य दुकानों से वितरण योग्य है। साथ ही ई-नीलामी से 1320 मीट्रिक टन मूंग की बिक्री की योजना बनाई गई। शेष मात्रा के वितरण की योजना भी तैयार है। विद्यार्थियों के लिए 428 करोड़ 82 लाख रूपए की मूल्य की 50 हजार 115 मीट्रिक टन मूंग वितरण का कार्य किया गया। इसमें विपणन संघ द्वारा प्रदाय मात्रा 71 हजार 326 मीट्रिक टन है, जिसका मूल्य 610 करोड़ 32 लाख है।
गुणवत्ता नियंत्रण में तकनीक का उपयोग
कीटनाशक गुणवत्ता नियंत्रण में मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है। कीटनाशकों के नमूना लेने से विश्लेषण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इसके लिए केन्द्रीयकृत ऑनलाइन नमूना ट्रेकिंग एवं निगरानी प्रणाली विकसित की गई है। निरीक्षकों द्वारा लिए गए नमूनों का रेंडम पद्धति से प्रयोगशाला का चयन कर विश्लेषण की प्रक्रिया फेसलेस, क्यू.आर. तकनीक से की जा रही है। विश्लेषण परिणाम भी तत्काल सभी संबंधितों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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