इन्दौर। शहर में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। शहर में बढ़ रहे अपराधों में 40 प्रतिशत बाहरी गिरोह करते हैं। पिछले साल पुलिस ने ऐसे ही 25 बाहरी गिरोह को पकड़ा है, जो इस बात का प्रमाण है कि बाहरी गिरोह शहर में लगातार सक्रिय हैं। यूं तो प्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है, लेकिन फिर भी यहां अब सभी प्रकार के अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नरी लागू हुई, लेकिन अपराधों पर कुछ खास नियंत्रण नहीं हो सका है। इंदौर की बात करें तो आर्थिक राजधानी होने के कारण अब यहां पूरे देश से अपराधी गिरोह आकर वारदात कर रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर के अनुसार शहर में वाहन चोरी धार-टांडा और देवास के कंजर गिरोह करते हैं। ये गिरोह शहर में चोरी और लूट भी कर रहे हैं। इसके अलावा बड़ी चोरियों में अब दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के गिरोह भी सक्रिय हैं। इसके अलावा डकैती और लूट में गुजरात और यूपी के गिरोह भी इंदौर में पकड़े गए हैं। एटीएम काटने वाला मेवात राजस्थान का गिरोह, सिग्नल पर टक्कर के बहाने और कार के कांच फोडऩे के मामले में आंध्र का गिरोह, मैरिज गार्डन में चोरी में राजगढ़ का सांसी गिरोह, नकली पुलिस के मामले में ईरानी गिरोह शहर में सक्रिय है। कमिश्नर का कहना है कि शहर में होने वाले अपराधों में 40 प्रतिशत अपराधों के पीछे बाहरी गिरोह का हाथ होता है। इसका प्रमाण यही है कि पिछले साल इंदौर पुलिस ने इस सभी राज्यों के 25 से अधिक गिरोह को पकड़ा है। हाल ही में शहर में हुई आधा दर्जन लूट में पश्चिम बंगाल का गिरोह निकला है। इसकी तलाश में टीम वहां भेजी गई है।
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