मरीजों के संकट का चौथा दिन… आज भी नहीं खुली ओपीडी
इंदौर। लगातार चौथे दिन जूडा की हड़ताल (strike) जारी रहने से आज भी न ओपीडी (OPD) खुली और न ही नियमित मरीजों का इलाज हो सका। अस्पताल प्रशासन के पास पांच अस्पतालों में दुर्दशा झेल रहे मरीजों के इलाज के लिए तो कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों के इलाज और ऑपरेशन (Operation) के लिए 25 डॉक्टर बाहर से बुलाए गए हैं। कल रात जूनियर डॉक्टर (Junior Dr.) एसो. के जिला प्रतिनिधियों ने प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट से रेसीडेंसी कोठी में मुलाकात की, लेकिन बात मान-मनौव्वल से ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज (Medical College) के डीन डॉ. संजय दीक्षित (Dr. Sanjay Dixit) ने बताया कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के शिकार 300 से ज्यादा मरीजों के तत्काल इलाज के लिए 25 सर्जनों को बाहर से बुलाया गया है। हालांकि यदि डॉक्टरों की हड़ताल जल्दी नहीं टूटती है तो संकट गहरा सकता है। उधर हड़ताली डॉक्टरों से चर्चा के दौरान मंत्री ने डॉक्टरों द्वारा की गई सेवा की प्रशंसा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे चिकित्सा मंत्री के समक्ष आपकी समस्याओं को रखेंगे और उनका निराकरण करने का प्रयास करेंगे। सिलावट ने डॉक्टरों को समझाइश देते हुए कहा कि कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रदेश में अभी हड़ताल का वक्त ठीक नहीं है। इस पर डॉक्टरों का कहना था कि हड़ताल (strike) के लिए हमारा तो कभी भी समय अच्छा नहीं रहता है। अस्पताल में तो हमेशा मरीज आते रहते हैं। ऐसे में हमारी सुनवाई कब होगी। हमारी ज्यादातर मांगें कोविड से संबंधित ही हंै। हम डेढ़ साल से बिना रुक हुए कोविड अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हंै। हमारे कई साथी भी इस महामारी का शिकार हुए। फिर भी हमने कभी काम नहीं रोका। फिर भी हमारी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं। इन जूनियर डॉक्टरों का साथ देने के लिए आईएमए भी आगे आया है। इंडियन मेडिकल एसो. की मध्यप्रदेश ब्रांच ने जूडा की हड़ताल का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि इन हड़ताली डॉक्टरों की मांगें जल्द मानी जाएं।
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