ठगी में 5 प्रतिशत के ही पैसे पुलिस वापस करवा पाती है… सायबर अपराध पुलिस के लिए चुनौती
इंदौर, मेघश्याम आगाशे। शहर में चोरी-लूट की घटनाएं भी पहले के मुकाबले बढ़ रही हैं, जिसके चलते एक साल में बदमाश चोरी और लूट में इंदौरियों के घरों में सेंध लगाकर 25 करोड़ (25 Crore) का माल उड़ा देते हैं। लेकिन अब पुलिस (Police) के लिए साइबर ठग इससे भी बढ़ी मुसीबत बन गए हैं। वे एक साल में इंदौरियों के खाते से इससे दोगुना 50 करोड़ रुपए उड़ा रहे हैं। चोरी में आधा माल बरामद हो पाता है तो ठगी में 5 प्रतिशत के ही पैसे पुलिस वापस करवा पाती है।
ऑनलाइन का ट्रेंड शुरू होने के बाद लगभग हर परिवार ऑनलाइन खरीदी या फिर बिल भरता है। इसके चलते वह साइबर ठगी का शिकार हो जाता है। शहर में पिछले साल चोरी, लूट, वाहन चोरी, गृहभेदन, पशु चोरी, डकैती में इंदौरियों का 25 करोड़ का माल गया था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार 52 प्रतिशत माल चोर-बदमाशों को पकडक़र बरामद कर लिया था, लेकिन क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के पास रोजाना ऑनलाइन ठगी की दो दर्जन शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनमें चोरी और लूट से दोगुना 50 करोड़ रुपए साइबर ठग इंदौरियों के खाते में सेंध लगाकर उड़ा रहे हैं। हालांकि समय रहते पुलिस के पास पहुंचे लोगों में से 5 प्रतिशत का पैसा पुलिस वापस करवा पाती है, जिसके चलते अब साइबर अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो गया है। इसके लिए पुलिस को संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, लेकिन अभी वे नाकाफी हैं।
पांच करोड़ हर साल वापस करवाती है पुलिस
डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल का कहना है कि अन्य रिकार्ड की तरह साइबर ठगी की शिकायतों के आंकड़े रिकार्ड में दर्ज नहीं होते, लेकिन फिर भी लगातार साइबर ठगी की शिकायतें बढ़ रही हैं। पुलिस ने इस साल अब तक ठगी के शिकार लोगों के लगभग पांच करोड़ रुपए वापस करवाए हैं, जो समय रहते पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस जहां लगातार जागरूकता अभियान चलाती और एडवाइजरी जारी करती है, वहीं साइबर ठगों को पकडऩे का प्रयास भी करती है। चूंकि ये किसी और शहर या विदेश से ठगी करते हैं, इसके चलते उनको पकडऩे में सफलता कम मिलती है।
सीबीआई ने मारे थे सात प्रदेशों में एक साथ छापे
बढ़ते साइबर अपराधों के चलते देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने कुछ दिन पहले देश के सात राज्यों में साइबर ठगोरों के ठिकानों पर छापे मारे और कई लोगों को पकड़ा, जो बताता है कि साइबर अपराध किस तरह बढ़ रहे हैं।
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