
इंदौर, पंकज भारती। एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज महाराष्ट्र के पुणे में इंटरेक्टिव सेशन कर आईटी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए न्योता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नई आईटी कंपनियों के लिए 245 करोड़ के निवेश से बनाए जाने वाले आईटी पार्क को पैसों की कमी का हवाला देकर निरस्त कर दिया गया है। परदेशीपुरा स्थित इलेक्ट्रानिक कॉम्प्लेक्स में 3 एकड़ जमीन पर इस आईटी पार्क को बनाने की योजना मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीएसईडीसी) ने तैयार की थी।
इस आईटी पार्क के 9 मंजिला भवन को बनाने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई थी। टेंडर जारी करने के बावजूद ठेकेदार का चयन नहीं किया जा सका और अब पैसे की कमी का हवाला देकर इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया गया है। एमपीएसईडीसी के अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट के रद्द होने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब यह प्रोजेक्ट भविष्य में कोई नई योजना के रूप में आकार लेगा या नहीं इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
निवेश पर होगा नकारात्मक असर
नए आईटी पार्क की योजना निरस्त होने से आईटी सेक्टर में मिलने वाले नए निवेश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि आईटी कंपनियां निवेश के लिए इंदौर में ही स्थान चाहती हैं। वहीं इंदौर में वर्तमान में संचालित आईटी पार्कों क्रिस्टल आईटी पार्क और अतुल्य आईटी पार्क में स्थान उपलब्ध नहीं है।
424 करोड़ का निर्माण चल रहा है काफी धीमी गति से
424 करोड़ की लागत से आईटी पार्क-3 का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि इस पार्क का निर्माण भी काफी सुस्त गति से किया जा रहा है। दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन लगता नहीं कि तय समय पर इसे बनाया जा सकेगा। 245 करोड़ की लागत से जिस आईटी पार्क को बनाने की योजना थी उसे निरस्त कर दिया गया है। इस योजना पर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो सका था। भविष्य में भी इस प्रोजेक्ट पर नए सिरे से काम होगा या नहीं इस संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। जो भी होगा भोपाल से ही तय होगा। – डीके सराफ, जनरल मैनेजर, एमपीएसईडीसी, इंदौर
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