भोपाल। मध्य प्रदेश की जेलों में हत्या जैसे जघन्य मामलों में सजा काट रहे 244 कैदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खुली हवा में सांस लेंगे। इन कैदियों को अच्छे आचरण के कारण रिहा कर दिया जाएगा। जेल प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। जिन कैदियों को लेने परिवार आएंगे वो उनके साथ जाएंगे, जिन्हें लेने कोई नहीं आएगा उन्हें जेल प्रशासन घर तक छोडऩे का इंतजाम करेगा।
जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को इस बार प्रदेश की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 244 बंदियों को रिहा किया जाएगा। सभी मापदंडों के तहत सरकार ने इन सभी कैदी को रिहा करने का फैसला लिया है। इनमें एक महिला और 243 पुरुष कैदी शामिल हैं। भोपाल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि हर साल अच्छे आचरण और तय मापदंडों को ध्यान में रखते हुए 15 अगस्त को कैदियों को रिहा किया जाता है। ये कैदी अब तक 14 से लेकर 20 वर्ष तक का कारावास काट चुके हैं। शासन ने शेष अवधि की सजा माफ कर दी है।
जेल में कैदियों को मिला हुनर
जेलों के अंदर बंद कैदियों को रोजगार के कई कोर्स और ट्रेनिंग दी जाती है। इससे जब कैदी बाहर जाते हैं तो वे अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। रिहा होने वाले बंदियों ने जेल में रहते हुए टेलरिंग, कारपेंटरी, लोहारी, भवन-निर्माण की कारीगरी सहित कई तरह की ट्रेनिंग ली है। जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रिहा होने वाले बंदियों से अपेक्षा की है कि वे अपने परिवार एवं समाज में पुर्नस्थापित होकर समाज एवं प्रदेश के विकास में सहभागी बनेंगे।
कहां से कितने कैदी होंगे रिहा
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिन कैदियों की सजा माफ की जाती है, उनका सबसे पहले डाटा तैयार किया जाता है। इसी डाटा को शासन स्तर पर भेजा जाता है। शासन स्तर पर जब इनकी रिहाई की मंजूरी मिल जाती है तो फिर इन्हें रिहा किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर केन्द्रीय जेल ग्वालियर से इस बार 40, उज्जैन से 36, सतना से 30, भोपाल से 28, इंदौर से 27, जबलपुर और सागर से 18-18, रीवा से 14, बड़वानी से 11, होशंगाबाद से 7, नरसिंहपुर से 10, खुली जेल भोपाल से 2, खुली जेल होशंगाबाद से एक, जिला जेल छतरपुर और बैतूल से एक-एक बंदी को रिहा किया जाएगा।
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