नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) युद्ध के बीच 24 वर्षीय कोलकाता की रहने वाली पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती 800 से अधिक फंसे भारतीयों (Indian Students) को वहां से निकाल लाई है. महाश्वेता चक्रवर्ती युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमाओं से उड़ानों का संचालन कर रही थी. उन्होंने यूक्रेन, पोलैंड और हंगरी की सीमा से 800 से अधिक भारतीय छात्रों को बचाया है. कोलकाता की पायलट भारतीय जनता पार्टी (BJP) पश्चिम बंगाल महिला मोर्चा (Bjp Mahila morcha) की अध्यक्ष तनुजा चक्रवर्ती की बेटी हैं.
शनिवार को नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने यूक्रेन के संघर्ष क्षेत्र से नेपाली नागरिकों को निकालने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था. जैसा कि नेपाली पीएम देउबा ने कहा, भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारत के रास्ते अपने देश पहुंचे चार नेपाली नागरिकों को निकाला है.
ऑपरेशन गंगा के तहत 20,000 से ज्यादा भारतीय को निकाला गया बाहर
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से ग्रेजुएट पायलट महाश्वेता का कहना है कि दिन में 13-14 घंटे एयरबस ए 320 में उड़ान भरने के बाद मेरी खुद की शारीरिक थकान शायद ही समझ आ रही थी, क्योंकि हमारे साथ जो छात्र थे, वे दहशत के माहौल से वापस आए थे. उनमें से ज्यादातर बदहाल थे. हमने उन्हें खाने-पीने की चीजें दीं, लेकिन वे पानी पीना भी नहीं चाहते थे. वहीं भारत ने ऑपरेशन गंगा के तहत युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों को निकाला है.
इससे पहले बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से नौ बांग्लादेशी नागरिकों को छुड़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया था. एक पाकिस्तानी नागरिक ने भी कीव में भारतीय दूतावास और चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए निकासी प्रक्रिया के बीच उसे बचाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है. भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन गंगा के तहत नेपाली, बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों के अलावा ट्यूनीशियाई छात्रों को भी बचाया गया है.
यूक्रेन के सुमी में 600 फंसे हुए छात्रों को निकालने के साथ, भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा को सफलतापूर्वक पूरा किया है. युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने के लिए कुल 49 विशेष उड़ानें संचालित की गई. इधर, युद्ध के 18वें दिन यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एक वर्चुअल प्रोग्राम के दौरान बोलते हुए खुलासा किया कि देश बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन रूस की आक्रामकता के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं है.
बुनियादी ढांचे की कमी को स्वीकार करते हुए यूक्रेनी विदेश मंत्री को यह कहते हुए सुना गया है कि अगर यूक्रेन के पास लड़ाकू जेट और बड़े सैन्य स्तंभों को नष्ट करने के लिए अधिक हमले वाले विमान होते, तो कई नागरिकों को बचाया जा सकता था. रूस-यूक्रेन युद्ध के 18वें दिन दिमित्रो कुलेबा ने दावा किया कि दक्षिणी यूक्रेनी शहर मारियुपोल को घेर लिया गया है, लेकिन फिर भी यूक्रेनी नियंत्रण में है.
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