- महिला बाल विकास विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने शहर के डेढ़ दर्जन से अधिक क्षेत्रों में भिक्षु को के नाम पते और अन्य जानकारी दर्ज की
उज्जैन। महिला बाल विकास विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने शहर के विभिन्न मंदिरों और सार्वजनिक क्षेत्रों से सर्वे में 239 भिखारियों को दर्ज किया है शासन अब इनके पुनर्वास की योजना बनाएगा। वर्ष प्रतिपदा पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए थे कि शहर के मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों से भिखारियों का सर्वे किया जाए और उनका पुनर्वास किया जाए तथा उनके रोजगार आदि की योजना भी बनाई जाए। मंदिरों के आसपास आने वाले दिनों में कोई भी भीख मांगता हुआ दिखाई नहीं देना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त चार टीमें बनाई।
इन चार टीमों ने शहर के डेढ़ दर्जन से अधिक इलाकों महाकाल, हरसिद्धि, बड़ा गणेश, मंदिर भूखी माता, अंगारेश्वर, काल भैरव, गढ़कालिका, चामुंडा माता, देवास गेट, रेलवे स्टेशन, बुधवारिया, गोला मंडी, छत्री चौक, खड़े हनुमान, टॉवर चौक, तीन बत्ती चौराहा, नानाखेड़ा, बस स्टैंड, इस्कॉन मंदिर, पुलिस लाइन चौराहा सहित अन्य क्षेत्रों में सर्वे किया। इनमें कुल 239 भिखारी चिह्नित किए गए जिनके नाम पते और अन्य जानकारी तथा आधार नंबर आदि प्रशासन ने दर्ज किए हैं। इनमें सबसे अधिक 94 भिखारी महाकाल तथा हरसिद्धि क्षेत्र में ही मिले हैं। इसके अलावा शहर के अन्य भागों से भी बड़ी संख्या में भिखारियों के नाम पते दर्ज किए गए हैं। अब इन सब की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी और वहां से इनके पुनर्वास आदि के निर्देश दिए जाएंगे। इसके बाद भिखारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर और हरसिद्धि के आसपास तथा चामुंडा माता चौराहे पर बड़ी संख्या में प्रतिदिन भिखारियों का जमावड़ा रहता है और इन लोगों ने फुटपाथ पर कब्जा कर लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब इन सभी के पुनर्वास की योजना बनाई जा रही है। इसी कड़ी में या सर्वे किया गया है।