भोपाल। प्रदेश में पदोन्नति की राह देख रहे करीब 220 तहसीलदारों को जल्द ही डिप्टी कलेक्टर का प्रभार सांैप दिया जाएगा। इस संबंध में 28 अक्टूबर को सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्व और वित्त विभाग की बड़ी बैठक हो चुकी है। बताया गया कि करीब 234 तहसीलदारों फिट गए हैं, जिन्हें डिप्टी कलेक्टर का प्रभार दिया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार, आरआई और पटवारियों को वरिष्ठ पद का प्रभार सौंपा जाएगा। यह पूरी कवायद 9 जनवरी के बाद शुरू होगी।
राजस्व विभाग में 262 तहसीलदार हैं, जिनमें करीब 234 डिप्टी कलेक्टर के प्रभार के लिए फिट पाए गए हैं। कुछ निलंबन, डीई, लोकायुक्त प्रकरण एवं सीआर रिपोर्ट नहीं होने की वजह से अनफिट पाए गए हैं। तहसीलदारों के डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद इनकी कमी को नायब तहसीलदारों को प्रभार देकर पूरी की जाएगी। इसी तरह नायब तहसीलदारों की कमी को आरआईको प्रभार देकर पूरी की जाएगी। वरिष्ठ पटवारियों को भी आरआई का प्रभार दिया जाएगा। यह पूरी कवायद एक साथ चल रही है। जिन तहसीलदारों ने तबादला मांगा है, उनका तबादला सामान्य प्रशासन विभाग बतौर डिप्टी कलेक्टर करेगा।
6 साल से अटकी पदोन्नति, सीधी भर्ती से अफसर नहीं मिले
राज्य शासन में डिप्टी कलेक्टरों की भारी कमी है। कुल 853 पद हैं। इनमें से 437 पद पदोन्नति वाले हैं, जबकि शेष सीधी भर्ती के हैं। प्रदेश में 2016 से तहसीलदारों की डिप्टी कलेक्टर के लिए पदोन्नति नहीं हुई। इस वजह से पदोन्नति से भरे जाने वाले 252 पद खाली हैं। इसी तरह 2019 के बाद से पीएससी से सीधी भर्ती के डिप्टी कलेक्टर नहीं मिले हैं। जिससे सीधी भर्ती के 140 पद खाली हैं। ऐसे में राज्य शासन तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर का प्रभार देकर कुछ हद तक डिप्टी कलेक्टरों की कमी को पूरा करने जा रही हैं। हालांकि तहसीलदारों को वेतनमान डिप्टी कलेक्टर का मिल रहा है।
चुनाव की वजह से अटका मामला
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश भर में प्रशासनिक अलमा मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य में जुटा है। इस वजह से सरकार ने डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों की अदला-बदली नहीं की है। साथ ही उच्च पद पर प्रभार का जिम्मा भी नहीं सौंपा है। इसके लिए सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति की औपचारिकता पूरी करनी होगी।
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