भोपाल। जिले के 23 गांव डिजिटल इंडिया से जुड़ेंगे। ये गांव बैरसिया व फंदा ब्लाक के हैं। इनमें बीएसएनएल की 4जी सेवा मिलेगी। इससे इन गांवों में रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने मोबाइल सेवा से वंचित गांवों के लिए 26,316 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी है। यह मंजूरी 27 जुलाई को दी गई है। इसमें मप्र के 3191 गांव शामिल है। इन्हीं में भोपाल के ये गांव भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2021 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए संबोधन में सरकारी योजनाओं को पूर्णता प्रदान करने का आह्वान किया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में यह राशि गांवों के लिए जारी की है। इस राशि से होने वाले कामों से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
भोपाल के इन गांवों को किया चिन्हित
अनंतपुरा, शांतिनगर, पटानिया, हरिपुरा, आयापुरा, शाहपुरा, पढारिया सकल, मस्तीपुरा, छापर, देहरी, राजीव नगर, छावनी पढार, शेखपुरा, समरधा, उंची लालोई, लालुखेड़ी, कीटगढ़, बाबरपुर, नर्सरीपुरा, गुर्जरपुरा, खेड़ली, टपरा गांव को शामिल किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार का अवसर
परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध होने के बाद मप्र व केंद्र सरकार की विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन आदि को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
यह है परियोजना
परियोजना पर 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी। इस परियोजना के तहत देश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में अवस्थित 24,680 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवा देने में आसानी होगी। परियोजना में पुनर्वास, नई बस्तियों, मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा अपनी सेवाओं को वापस ले लेने, इत्यादि को ध्यान में रखते हुए 20 प्रतिशत अतिरिक्त गांवों को शामिल करने के प्रविधान है। केवल 2जी, 3जी कनेक्टिविटी वाले गांवों को अपग्रेड करके वहां 4जी कनेक्टिविटी सुलभ कराई जाएगी। परियोजना को बीएसएनएल द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारतÓ के 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक का उपयोग करते हुए कार्यान्वित किया जाएगा और इसका वित्त पोषण यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के जरिए किया जाएगा। बीएसएनएल पहले से ही ‘आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैकÓका उपयोग करने की प्रक्रिया में है, जिसका उपयोग इस परियोजना में भी किया जा सकेगा।
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