बीजिंग। चीन(China) भारत(Indian) के 23 हजार से अधिक छात्रों (more than 23 thousand indians students) को वापस बुलाने के मामले में चुप्पी साधे हुए है जबकि ऐसी खबरें हैं कि चीन (China) अनेक देशों के छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस लौटने की अनुमति दे रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Chinese Foreign Ministry spokesman Wang Wenbin) से यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान, थाइलैंड, सोलोमन द्वीप आदि से छात्रों को चीन आने की अनुमति दे रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि छात्रों की जरूरत के मुताबिक अनुमति दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘चीनी सरकार विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए लौटने को बेहद महत्व देती है।’ उन्होंने कहा कि महामारी की रोकधाम और नियंत्रण को सुनिश्चित करने के लिए बेहद कम छात्रों को बुलाने के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं, जिन्हें इनकी वास्तव में जरूरत है। गौरतलब है कि भारत के 23 हजार से अधिक छात्रों में से अधिकतर चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और पिछले दो वर्ष से भारत में फंसे हुए हैं। छात्रों और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के लगातार अनुरोध पर भी चीन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। पिछले महीने खबर आई थी कि चीन ने कोविड-19 महामारी को लेकर अपने सख्त वीजा प्रतिबंधों के कारण 23,000 से अधिक भारतीय छात्रों की ‘शीघ्र वापसी’ के लिए काम करने का भारत से वादा किया है। चीन ने भारत को आश्वस्त किया था कि भारतीय छात्रों से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा क्योंकि उनकी पढ़ाई फिर से शुरू कराना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। 2020 से चीन ने भारतीयों को वीजा जारी करना रोक रखा है और अभी दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है। चीन एक बार फिर कोरोना की चपेट में आता दिख रहा है। बीते शनिवार को चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश में कोरोना से दो लोगों की मौत की पुष्टि की। यह जनवरी 2021 के बाद से मृतक संख्या में दर्ज पहली बढ़ोतरी है। चीन में कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण के मामलों में जबरदस्त इजाफा हुआ है।