– राज्य सरकार ने मदद के लिए केंद्र को लिखा पत्र
भोपाल। नेपाल (Nepal) में भारी बारिश (Heavy rain) के बाद आई बाढ़ (Flood) में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 23 श्रद्धालु फंस गए हैं। सभी भगवान पशुपतिनाथ (Lord Pashupatinath.) के दर्शन करने के लिए नेपाल के काठमांडू (Kathmandu) गए थे। काठमांडू से लौटने के दौरान काबरे जिले में तेज बारिश के बाद नदी में आई बाढ़ से ब्रिज और सड़कें बह गई। जिसके कारण श्रद्धालु यहां फंस गए, जिसके बाद सभी ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) से मदद की गुहार लगाई है। स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मंगलवार को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमे त्वरित सहायता प्रदान करने की मांग की गई है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की अपील की है।
नेपाल भू-स्खलन में फंसे प्रदेश के नागरिक न हो चिंतित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नेपाल में हुए भूस्खलन में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से गए कुल 23 यात्रियों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश सरकार ने भारत सरकार की सहायता से काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाल कर इनके गंतव्य स्थानों पर भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेपाल में भू-स्खलन की वजह से फंसे प्रदेश के नागरिकों को आश्वस्त किया है कि वे चिंतित न हों, सभी को सकुशल गृह नगर तक पहुँचाने की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
राज्य सरकार द्वारा पत्र के माध्यम से जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश के रीवा, डिंडोरी और जबलपुर जिलों से करीब 23 श्रद्धालु नेपाल में फंस गए हैं। इनमें डिंडौरी के सात, मंडला का एक, जबलपुर के सात और रीवा के आठ श्रद्धालु शामिल हैं। फंसे हुए लोगों ने एक वीडियो जारी कर गंभीर स्थिति को साझा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सहायता की अपील की है।
श्रद्धालुओं ने जानकारी दी कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिससे वे सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही हैं। उनके पास खाने-पीने की सामग्री भी खत्म हो चुकी है और बाढ़ के कारण उन्हें कोई अतिरिक्त साधन या जरूरी सामान भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इस कठिन परिस्थिति में श्रद्धालु बेहद असहाय और चिंतित महसूस कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने इस घटना पर त्वरित कार्रवाई की है। गृह विभाग के सचिव नौसा राजपूत ने विदेश मंत्रालय को एक आधिकारिक पत्र भेजा है, इस पत्र में नेपाल में फंसे 23 लोगों की सूची भी शामिल की गई है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि जबलपुर के बड़ंगैयां परिवार के 10 सदस्य पशुपतिनाथ मंदिर के पास मारवाड़ी धर्मशाला में रुके हुए हैं। इसके अलावा, अन्य जिलों से आए लोग भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए सहायता की अपील की गई है। प्रदेश के गृह विभाग ने विदेश मंत्रालय से यह अनुरोध किया है, कि ‘नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण फंसे भारतीय नागरिकों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
नेपाल में फंसे श्रद्धालु दुर्गा साहू ने वीडियो जारी कर कहा कि मैं अपने साथियों के साथ 24 सिंतबर को पशुपितनाथ दर्शन करने आया था। सिंधुली घाटी और काठमांडू के बीच काबरे जिले के मंगलतार पाला क्षेत्र में रविवार को भारी बारिश हुई। सड़क बहने के चलते हम आगे नहीं बढ़ पाए। हमने स्थानीय सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को अपनी समस्या फोन करके बताई। लेकिन कोई मदद नहीं मिली। नेपाल के बागमती के मुख्यमंत्री ने हमें हेलिकॉप्टर की मदद से सोमवार को धौली खेल अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद काठमांडू पहुंचाया गया। मेरे साथ संतोष साहू, खूबचंद साहू, दीपत मरावी, विनोद साहू, राजेश साहू, और रमेश साहू हैं। हम सभी निजी कार से नेपाल आए थे।
जबलपुर कलेक्टर ने हेल्पलाइन नंबर किया जारी
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कहा है कि जबलपुर के सात लोगों समेत 23 लोग फंसे हुए है। सभी सुरक्षित है। जिला प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 07612623925 जारी किया है। इसके अलावा नोडल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर अनुराग सिंह के मोबाइल नंबर 9713813496 पर भी प्रभावित परिवार सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
परिवारों की वापसी के लिए जो भी बेहतर होगा, वो करेंगे
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि रीवा के 6 से 8 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है। शासन के जरिए कोऑर्डिनेट करेंगे। इन परिवारों की वापसी के लिए जो भी बेहतर होगा, वो करेंगे। चूंकि, मामला काठमांडू का है, इसलिए उच्च स्तरीय बात कर बेस्ट पॉसिबल सॉल्यूशन निकाला जाएगा।
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